दिल्ली से चेन्नई की यात्रा पर एक फ्लाइट मुंबई में एक घंटे के लिए रुकने वाली थी। फ्लाइट अटेंडर ने सभी यात्रियों को सूचित किया कि अगर किसी को बाहर जाकर थोड़ा चलना है, तो वे जा सकते हैं, लेकिन एक घंटे के भीतर वापस आना होगा। सभी यात्री फ्लाइट से बाहर निकल गए, सिवा एक यात्री के, जो अंधे थे और उनके साथ एक गाइड डॉग था। इस यात्री ने फ्लाइट के पायलट से कहा कि वे बाहर नहीं जाना चाहते, लेकिन अगर पायलट उनके गाइड डॉग को थोड़ा घुमा सकें, तो उन्हें खुशी होगी।
पायलट ने सहर्ष कहा कि वह गाइड डॉग को घुमा देंगे। पायलट और गाइड डॉग जब फ्लाइट से बाहर निकले, तो सभी यात्रियों की नजरें उन पर टिक गईं। उन्होंने देखा कि पायलट ने गाइड डॉग के साथ चश्मा पहना हुआ है और उसे बाहर ले जा रहा है। इस दृश्य को देखकर, कई यात्रियों ने सोच लिया कि पायलट को गाइड डॉग की देखभाल करने में सक्षम नहीं होना चाहिए। कुछ यात्रियों ने तो यह भी तय कर लिया कि वे इस एयरलाइन से यात्रा नहीं करेंगे और किसी और एयरलाइन को चुनेंगे।
इस कहानी का संदेश है कि हमें बाहरी रूप और सतही दृश्य पर तुरंत विश्वास नहीं करना चाहिए। जो दिखाई देता है, वह हमेशा सच्चाई नहीं होता। कभी-कभी हमें चीजों को समझने के लिए अधिक गहराई से देखना पड़ता है। बहुत से लोग बाहरी दिखावे पर आधारित निर्णय लेते हैं, लेकिन सच्चाई हमेशा इन दिखावे से परे होती है। हमें सोच-समझ कर, सही जानकारी प्राप्त करके ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए।
याद रखें, हमेशा जो दिखता है, वह सच नहीं होता। इसलिए, सतही चीजों के आधार पर फैसले लेने से पहले, हमें पूरी तरह से जानने और समझने का प्रयास करना चाहिए।