रिया और सिद्धार्थ की मुलाकात के बाद, रिया के चेहरे पर एक सुकून भरी मुस्कान थी। उनकी पुरानी दोस्ती की गर्माहट और विश्वास ने उसे फिर से उन पुराने दिनों की याद दिला दी। सिद्धार्थ का परिवार भी उसके साथ आकर मिलकर बहुत अच्छा लगा। उन्होंने रिया को जो प्यार और सम्मान दिया, उससे रिया की आँखों में खुशी के आँसू थे।
सिद्धार्थ और सोनल का परिवार के साथ मिलना एक सुखद अनुभव था। सोनल की इच्छा थी कि रिया कनाडा जरूर आए, ताकि वे और समय बिता सकें और पुराने दोस्तों की तरह बातचीत कर सकें। बच्चों की मस्ती और सोनल की हंसी ने रिया के दिल को छू लिया।
सिद्धार्थ ने रिया को धन्यवाद दिया कि उसने इतना समय निकाला और उनके परिवार को अपना समय दिया। रिया ने भी सिद्धार्थ को भरोसा दिलाया कि वह जल्द ही कनाडा आने की कोशिश करेगी।
इस मुलाकात ने रिया को एक नई ऊर्जा दी। उसने महसूस किया कि समय भले ही बदलता है, लेकिन सच्चे रिश्ते और पुराने दोस्त हमेशा एक खास जगह दिल में बनाए रखते हैं। उसने सिद्धार्थ और उनके परिवार को अपने दिल से धन्यवाद दिया और सोचा कि जीवन के इस हिस्से को और भी सुंदर बनाना चाहिए।
सिद्धार्थ और उसके परिवार ने जब अस्पताल छोड़ने की तैयारी की, तो रिया ने उन्हें विदा किया। वह जानती थी कि यह मुलाकात उनके बीच की दूरियों को खत्म करने में मदद करेगी और पुराने रिश्तों को नए रूप में जीने का एक मौका देगी। सिद्धार्थ ने भी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रिया को अलविदा कहा, और सभी ने एक दूसरे के साथ प्यार और दोस्ती का वादा किया।
रिया के मन में इस मुलाकात की छाप बहुत गहरी थी। उसने सोचा कि भले ही जीवन ने उसे कितनी भी मुश्किलों का सामना कराया हो, लेकिन पुराने दोस्तों और सच्चे रिश्तों ने हमेशा उसका साथ दिया। उसने अपने दिल को सुकून दिया और एक नई शुरुआत की ओर देखने का संकल्प लिया।