वडोदरा के हिरपारा परिवार की 5 साल की बेटी, वेदा पार्थभाई हिरपारा, ने संस्कृत में एक अनूठी उपलब्धि हासिल की है। महज 2 मिनट 49 सेकंड में श्री कृष्णाष्टकम के 9 श्लोकों का जाप कर उसने इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। यह उपलब्धि न केवल उसकी प्रतिभा का प्रदर्शन है, बल्कि संस्कृत और हिंदू संस्कृति के प्रति उसकी गहरी रुचि को भी दर्शाती है।
वेदा की मां, फाल्गुनी हिरपारा, ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी की संस्कृत में रुचि बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। “हमारी आने वाली पीढ़ी को हमारे हिंदू सनातन धर्म का ज्ञान होना चाहिए। इसलिए, हमने उसे संस्कृत सिखाने का निर्णय लिया,” फाल्गुनी ने कहा। वेदा ने दो साल की उम्र से ही संस्कृत श्लोकों का जाप करना शुरू किया था। धीरे-धीरे, उसने भगवद गीता, शिवतांडव स्तोत्र, महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र, 12 ज्योतिर्लिंग और हनुमान चालीसा जैसे 100 से अधिक श्लोक भी याद कर लिए हैं।
फाल्गुनी ने बताया कि वेदा ने अभी तक पढ़ाई नहीं की है, लेकिन वह अपनी मां के साथ श्लोक सुनकर उन्हें सीख रही है। “मैं उसे प्रतिदिन एक घंटे संस्कृत सिखाने के लिए समय देती हूं। मेरी बेटी कभी मोबाइल या टीवी नहीं देखती। हम उसे सांस्कृतिक ज्ञान देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं,” उन्होंने कहा।
उनका मानना है कि बच्चों को संस्कृत और हिंदू संस्कृति का ज्ञान देना बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि वे सही मार्ग पर चल सकें। फाल्गुनी ने कहा, “जब हमारे बच्चों को हमारी संस्कृति का ज्ञान होगा, तो वे गलत रास्तों पर नहीं जाएंगे।”
वेदा ने इस प्रक्रिया में न केवल श्लोकों का जाप किया है, बल्कि उसने अपने अनुभव से यह भी सीखा है कि मां से मिलने वाले संस्कृतिक ज्ञान का महत्व कितना है। “मेरी मां मुझे संस्कृत के श्लोक सिखाती हैं, और मुझे यह सीखना बहुत पसंद है। मां बोलती हैं और मैं सुनकर सीखती हूं,” वेदा ने कहा।
इस प्रकार, वेदा न केवल अपनी कला और प्रतिभा के लिए जानी जा रही हैं, बल्कि वह अपनी संस्कृति को भी आगे बढ़ा रही हैं, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बन सकती है। इस उपलब्धि के माध्यम से, उन्होंने यह साबित कर दिया है कि यदि सही मार्गदर्शन और संस्कार मिलें, तो बच्चे असाधारण उपलब्धियों को प्राप्त कर सकते हैं।