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रिश्तों की गर्मी और दिल से जुड़ी बात

रसोई में सब्ज़ी बनाते हुए मीरा का गुस्सा उसके हर काम में दिख रहा था। उसकी नफरत और नाराजगी की छाप उसकी आँखों में साफ नजर आ रही थी। सासु माँ सावित्री देवी की हर बात पर उसका गुस्सा और भी भड़क रहा था। लेकिन जब सासु माँ ने चाय बनाने की बात की, तो मीरा का गुस्सा और भी बढ़ गया।

फैमिली के सदस्यों में से केवल तीन ही थे—बेटा बहू और सासु माँ। रोहित मीरा का पति बड़ी कंपनी में काम करता था और अक्सर बाहर ही रहता था जिससे घर में सिर्फ मीरा और उसकी सास ही रह जाती थीं। दोनों के बीच का तनाव दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा था।

एक दिन सासु माँ ने मीरा को किसी बात पर टोका और इसने मीरा का गुस्सा और बढ़ा दिया। उसकी नाराजगी का असर उसके हर काम में दिख रहा था। मीरा ने गुस्से में बड़बड़ाते हुए कहा  कल तो इतनी उल्टा-सीधा बोल रही थीं और आज बड़ी मीठी-मीठी बात कर रही हैं। आपको याद भी है कि आपने कल क्या-क्या कहा था?

सावित्री देवी ने शांत स्वर में जवाब दिया मुझे तो याद नहीं कि मैंने कल क्या कहा था लेकिन जो भी कहा होगा तेरे भले के लिए ही कहा होगा। जो कुछ भी मैं कहती हूँ तुझे अपना समझकर ही तो कहती हूँ। सब कहते हैं कि तू मेरी बहू है पर तू मेरी बहू नहीं है समझी?

सावित्री देवी की यह बातें मीरा के दिल को छू गईं। उसने सोचा सासु माँ कह रही हैं कि मैं उनकी बेटी हूँ  उनकी बहन हूँ  उनकी माँ हूँ। यह कितना गहरा और सच्चा प्यार है!”

मीरा ने दौड़कर सावित्री देवी को गले लगा लिया और रोते हुए कहा, “नहीं माँ, आपको पूरा हक है अपनी बेटी को डांटने का। मुझे माफ कर दो माँ।

दोनों की आँखों से आंसू बहने लगे। यह पल उनके रिश्ते के लिए एक नए आरंभ का प्रतीक था। सभी गिले-शिकवे मिट गए थे और उनका रिश्ता पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और गहरा हो गया था।

लेकिन इस भावुक दृश्य के बीच, रसोई में जलने की तेज गंध आने लगी। जब सबकी नजरें रसोई की ओर गईं, तो देखा कि सब्ज़ी जलकर राख हो चुकी थी। हालांकि, इस राख में भी एक नई उम्मीद की चमक थी, जिसने इस परिवार के रिश्तों को फिर से सजीव कर दिया था।

यह घटना हमें सिखाती है कि रिश्तों में गहरे समझ और प्यार के बिना कोई भी बंधन मजबूत नहीं हो सकता। सास और बहू के रिश्ते में केवल जिम्मेदारी और कर्तव्य नहीं, बल्कि सच्चे प्यार और अपनापन भी होना चाहिए। सही मायनों में एक परिवार तब खुशहाल होता है जब उसके सदस्य एक-दूसरे के प्रति अपने दिल की बातों को समझें और स्वीकारें।

इस भावुक कहानी से हमें यह भी समझ में आता है कि कभी-कभी छोटी-छोटी बातें और तकरार भी गहरे रिश्तों के बीच में छुपे प्यार को उजागर कर सकती हैं। रिश्तों को संजोने और उन्हें गहरा बनाने के लिए दिल से जुड़ी बातों और समझ की जरूरत होती है।

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