बांग्लादेश में हाल ही में हुई हिंसा और उसके बाद वाकर-उज-जमान की निरीक्षण यात्रा ने देश में गहरी चिंता का माहौल बढ़ा दिया है। वाकर-उज-जमान ने हिंसा से हुए नुकसान का अवलोकन करने के बाद इसे “अवर्णनीय” बताया, जिसमें ढाका और चटगाँव जैसे महत्वपूर्ण शहरों में लगभग 150 लोगों की मौत हुई और बचाव में 1,600 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया।
हिंसा की उत्पत्ति छात्रों के प्रदर्शनों से हुई, जो कोटा पर राज्य की आधी से भी कम नौकरियों के खिलाफ विरोध कर रहे थे। छात्रों का आरोप था कि कोटा ने निजी क्षेत्र में नौकरियों की संख्या को अधिक किया जबकि सरकारी क्षेत्र में योग्यता के लिए रोजगार की अवधारणा बनी रही। इससे सरकारी क्षेत्र में वेतन और भत्ते में स्थिरता और मूल्यवानता की कमी महसूस हुई।
वाकर-उज-जमान द्वारा की गई नजरबंदी ने इसे समझाने का प्रयास किया है कि विवादित मुद्दों पर समझौते से अधिकतम समाधान तक पहुंचना आवश्यक है। देश में स्थिति को सुधारने के लिए सरकार और नागरिकों के बीच संवाद को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, ताकि सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।