जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की संभावना को खारिज करते हुए एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 अब इतिहास का हिस्सा बन चुका है और इसे कभी वापस नहीं लाया जाएगा।
अमित शाह ने स्पष्ट किया, “मैं देश को बताना चाहता हूं कि अनुच्छेद 370 इतिहास बन चुका है। यह कभी वापस नहीं आएगा और हम ऐसा नहीं होने देंगे। हमारा रुख साफ है: आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते। हां, हम जम्मू-कश्मीर के युवाओं से बात करेंगे, लेकिन आतंकवाद के साथ कोई समझौता नहीं होगा।”
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के साथ किसी भी प्रकार की बातचीत की संभावना पूरी तरह से खारिज है जब तक आतंकवाद की समस्या का समाधान नहीं होता। उनका बयान जम्मू-कश्मीर में भारतीय सरकार के कठोर रुख और आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति को उजागर करता है।
अमित शाह ने विपक्ष को भी चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार का तुष्टिकरण या ढिलाई आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति के खिलाफ होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास के लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे और किसी भी तरह की आतंकवादी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनके इस बयान ने जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक स्थिति और भारत-पाकिस्तान संबंधों को लेकर सरकार की सख्त स्थिति को स्पष्ट किया।