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The reality of beauty: The story of Aditya and Ramanand
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सुंदरता की वास्तविकता: आदित्य और रामानंद की कहानी

कई सौ साल पहले की यह कहानी है। एक राजकुमार, जिनका नाम आदित्य था, अपनी सुंदरता पर गर्व करता था, जो समय के साथ घमंड में बदल गया था।
आदित्य को अपनी प्रशंसा सुनना बहुत पसंद था। वह अक्सर अपने सेवकों, सिपाहियों और प्रधानों से अपनी सुंदरता के बारे में पूछता और बदले में सभी उसकी सुंदरता की खूब तारीफ करते।
एक बार, आदित्य ने दूसरे राज्य से आए प्रवासियों से पूछा कि क्या उन्होंने किसी और राज्य में उसे अधिक सुंदर पुरुष देखा है। प्रवासी अच्छी तरह से जानते थे कि आदित्य को अपनी प्रशंसा सुनना कितना पसंद है। हालांकि आदित्य सच में सुंदर था, लेकिन प्रवासियों ने उसे खुश करने के लिए उसकी तारीफ को बढ़ा-चढ़ा कर किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी भी राज्य में उसके जितना सुंदर पुरुष नहीं देखा और यहां तक कि उसे भगवान जितना सुंदर बताया।
आदित्य इतनी प्रशंसा सुनकर खुश हो गया और अब वह हर प्रवासी से अपनी तारीफ सुनना चाहता था। एक दिन, उसके राज्य में एक साधु, जिनका नाम रामानंद था, आए। आदित्य ने उन्हें भी दरबार में बुलाया और वही सवाल पूछा कि क्या उन्होंने आदित्य से अधिक सुंदर पुरुष देखा है।
रामानंद ने कहा कि सुबह उन्होंने आदित्य से भी अधिक सुंदर पुरुष देखा था। सब लोग रामानंद की बात सुनकर हैरान थे। आदित्य ने रामानंद से पूछा कि वह पुरुष कौन है। रामानंद ने कहा कि सुबह उन्होंने आदित्य को देखा था, तब वह वर्तमान से अधिक सुंदर थे।
रामानंद की बात सुनकर सभी दंग थे। आदित्य ने अपने सेवकों से पूछा कि क्या वह अब सुबह से कम सुंदर नजर आ रहे हैं। सेवकों ने कहा कि उन्हें आदित्य उतने ही सुंदर लग रहे हैं। आदित्य ने रामानंद से पूछा कि जब सभी को कोई फर्क नजर नहीं आ रहा, तो आप ऐसा क्यों कह रहे हैं।
रामानंद ने आदित्य से कहा कि ये सब आपकी नौकरी करते हैं, इसलिए उन्हें आपमें कोई कमी नहीं नजर आती। यह साबित करने के लिए, रामानंद ने एक कटोरे में पानी मंगवाया और कुछ सेवकों को दिखाया, फिर पानी का एक चम्मच निकालकर फेंक दिया। सेवकों को फिर से अंदर बुलाया गया और रामानंद ने उनसे पूछा कि क्या उन्हें कटोरे में कोई कमी नजर आ रही है। सभी सेवकों ने निरीक्षण करके कहा कि उन्हें कोई कमी नजर नहीं आ रही।
इस प्रयोग ने आदित्य की आंखें खोल दीं। उसने समझा कि वह उस वस्तु का आदि हो चुका है, जो हर दिन घट रही है और नाशवंत है। उस दिन के बाद आदित्य ने कभी आईना नहीं देखा और अविनाशी वस्तु की खोज में अपना जीवन बिताया।
कहानी की गहरी सिख
सुंदरता क्या होती है? हर किसी के लिए सुंदरता के मायने अलग-अलग होते हैं। बाहरी रूपरेखा कुछ के लिए सुंदर हो सकती है, जबकि दूसरों के लिए अंदरूनी सद्भावना सुंदरता का मापदंड हो सकती है। आजकल लोग अच्छे नाक-नक्शे को सुंदरता का पैमाना मानते हैं, जो पूरी तरह गलत है। सुंदरता अच्छे स्वभाव, विचार और कर्मों से निर्धारित की जानी चाहिए।

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