गत 6 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल उपस्थिति के साथ जन भागीदारी से जल संचय के लिए कैच द रैन अभियान की करवाई थी शुरुआत
सूरत: जलशक्ति के जरिए जलशक्ति का संचय करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वप्निल योजना तेज गति से जन आंदोलन का रूप ले रही है। जल संचय योजना यह सिर्फ योजना नहीं बल्कि भविष्य की पेढ़ी के लिए हमारे द्वारा किए जाने वाला एक पुण्य कार्य है। इसलिए जल सिर्फ संसाधन का नहीं बल्कि समूचे मानवजात के लिए भविष्य का मुद्दा है। इन शब्दों के साथ सूरत के इंडोर स्टेडियम में जल संचय के लिए जन भागीदारी के साथ विशेष योजना कैच द रैन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी वर्चुअल उपस्थिति में गत 6 सितंबर को शुरुआत करवाई थी। एक महीने में ही सूरत से राज्य के सभी जिलों में यह अभियान आगे बढ़ रहा है। एक महीने में ही राज्य में सिर्फ जन भागीदारी से जल संचय के लिए 8817 कार्य शुरू किए गए और इनमें से 4588 से अधिक कार्य पूरे हो चुके हैं जबकि 4229 कार्य प्रगति में हैं। जल्द ही यह कार्य भी पूरे हो जाएंगे। इससे राज्य में जल संचय की क्षमता 28,823 घन फीट तक बढ़ने का अनुमान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित किए गए कैच द रैन अभियान की यह पहल बारिश का पानी संग्रहित करने प्रोत्साहित करने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए एक आंदोलन बन रहा है, जिसमें समाज की सक्रिय भागीदारी को सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों अनुसार जल संचय योजना सिर्फ एक योजना नहीं बल्कि पुण्य का कार्य होने से इस दिशा में जनभागीदारी के जरिए जो अभूतपूर्व परिणाम देखने को मिलेंगे वह आगामी दिनों में दुनिया के लिए प्रेरक साबित होंगे। इन शब्दों को चरितार्थ करने के लिए केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने कैच द रैन अभियान को चरणबद्ध तरीके से देश के सभी राज्यों में आगे बढ़ाने का आयोजन किया है। रविवार 13 अक्टूबर को केंद्र के जलशक्ति मंत्रालय के प्रयासों से देश के प्रमुख राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार में जल संचय जनभागीदारी के तहत की यह विशेष योजना कैच द रैन अभियान का विस्तार होगा। सूरत के अठवालाइन्स स्थित इंडोर स्टेडियम में इसे लेकर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया है। शाम तीन बजे आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव और बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी विशेष तौर पर उपस्थित रहेंगे।
जल संचय के इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए सूरत के इंडोर स्टेडियम में सूरत को कर्मभूमि बनाने वाले राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार जैसे राज्य के सक्षम अग्रणी उद्यमी जो सूरत में स्थाई हुए हैं, वे अपने गृह राज्यों में जल संचय का यह विशेष अभियान कैच द रैन जो जन चेतना का प्रवाह बन रहा है उसे आगे बढ़ाने के लिए सामुदायिक जिम्मेदारी का स्वीकार करेंगे। सूरत में उद्यम शुरू कर स्थाई हुए राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार जैसे राज्य के अग्रणी उद्यमियों ने अपने गृह राज्य के प्रत्येक जिले में सभी गांवों में जल संचय के लिए चार प्रकल्पों की जिम्मेदारी स्वीकार की है। इसे लेकर महत्वपूर्ण घोषणा भी की जाएगी। यह विशेष सामुदायिक पहल जन भागीदारी और जल संरक्षण की दिशा में सीमाचिन्ह बन जाएगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल संचय के इस अभियान की शुरुआत करते समय महत्वपूर्ण शब्द कहे थे कि क्लाइमेट चेंज की चुनौती के बीच पानी की समस्या को ध्यान में रखते हुए लोगों को साथ में रखकर कार्य करना होगा। समूचे विश्व का सिर्फ चार फीसदी पीने लायक पानी हमारे देश में है और देश के अधिकतर हिस्सों में भूगर्भ जलस्तर में कमी देखने को मिल रही है। इस स्थिति का समाना करने के लिए देश के नागरिकों को प्रतिबद्ध होना होगा। इसके लिए जल संचय जनभागीदारी योजना सार्थक साबित होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इन गहरे शब्दों को केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने गंभीरता से लेते हुए इस अभियान को योजनाबद्ध तरीके से समूचे देश में कार्यरत करने की योजना बना ली है। गुजरात में अभियान की शुरुआत के बाद अब रविवार को दूसरे चरण की शुरुआत करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है।