सूरत के वार्ड नंबर 30 की बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष दीपिका पटेल की आत्महत्या के मामले में अब तक कोई ठोस कारण सामने नहीं आया है। इस मामले की जांच अब तीसरे पुलिस इंस्पेक्टर को सौंप दी गई है, जबकि पहले दो इंस्पेक्टर ने अपनी जांच पूरी की थी। चिराग सोलंकी, जो बीजेपी के पार्षद हैं, पर गहरा संदेह जताया जा रहा है, खासकर आत्महत्या के कुछ घंटे पहले उनके द्वारा दीपिका से की गई बातचीत और घटनाओं के बाद।
दीपिका ने आत्महत्या करने से पहले चिराग सोलंकी को कॉल किया था, इसके बाद वह सबसे पहले दीपिका के घर पहुंचे और शव को अस्पताल ले गए। इस तथ्य ने चिराग को जांच के दायरे में लाकर खड़ा कर दिया है। हालांकि, पुलिस ने उनसे दो बार पूछताछ की है, लेकिन चिराग के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। दीपिका के परिवार ने भी चिराग पर कोई आरोप नहीं लगाए हैं, जिससे मामले की जटिलता और बढ़ गई है।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाने के लिए अब एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) की रिपोर्ट का सहारा लिया है। दीपिका और चिराग के मोबाइल फोन की जांच की जा रही है ताकि यह पता चल सके कि क्या कोई संदिग्ध गतिविधि या संदेश इस आत्महत्या से जुड़ा था। पुलिस का ध्यान इस बात पर भी है कि क्या दीपिका ने किसी निजी या आर्थिक कारण से आत्महत्या की, या क्या इसके पीछे कुछ और वजह हो सकती है।
पहले इस मामले की जांच अलथाण पुलिस स्टेशन के पुलिस इंस्पेक्टर कर रहे थे, लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद यह जिम्मेदारी अब खटोदरा पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर को दी गई है। जांच के दौरान, पुलिस ने दीपिका और चिराग के फोन डेटा की जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो मामले में महत्वपूर्ण हो सकती है।
अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि पुलिस कब इस मामले का पर्दा उठाएगी और क्या कोई नया सुराग सामने आएगा।