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महत्वपूर्ण समाचार टिप: कुम्भ मेला 2025 - पहले दिन का महत्व और शाही स्नान तिथियाँ
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कुम्भ मेला 2025: पहले दिन का महत्व, शाही स्नान तिथियाँ और शुभ रवी योग

 

महत्वपूर्ण समाचार टिप: कुम्भ मेला 2025 – पहले दिन का महत्व और शाही स्नान तिथियाँ

कुम्भ मेला सनातन धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण है, जिसमें दुनियाभर से लोग पवित्र स्नान (शाही स्नान) करने और दान करने के लिए आते हैं। कुम्भ मेला 2025 में प्रयागराज में आयोजित होगा, जो चार पवित्र तीर्थ स्थलों – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में से एक है, जहां यह हर 12 साल में होता है। इस बार कुम्भ मेला 13 जनवरी को पुष्य पूर्णिमा के दिन शुरू होगा, जो विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

कुम्भ मेला के पहले दिन का संबंध एक दुर्लभ और अत्यंत शुभ रवी योग (सूर्य का संयोग) से होगा, जो सुबह 7:15 बजे से 10:38 बजे तक रहेगा, जिससे स्नान और दान का महत्व और बढ़ जाएगा। हिंदू धर्म में रवी योग को बेहद शुभ और फलदायी माना जाता है, और पहले दिन का यह शुभ संयोग इसे और भी विशेष बना देता है।

कुम्भ मेला 2025 की अवधि और महत्वपूर्ण तिथियाँ:

कुम्भ मेला 13 जनवरी 2025 से शुरू होकर 26 फरवरी 2025 तक चलेगा।
मुख्य शाही स्नान कई तिथियों पर होंगे, और अंतिम शाही स्नान 26 फरवरी 2025 को होगा।
इस मेले में लाखों लोग, साधु, संत और भक्त हिस्सा लेंगे, जो भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक कैलेंडर का एक प्रमुख आयोजन है।

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