गुजरात के वडोदरा में हाल ही में आई बाढ़ ने स्थानीय वन विभाग को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करने पर मजबूर कर दिया। 29 अगस्त को वन विभाग ने महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा के परिसर में एक 11 फीट लंबे मगरमच्छ को बचाया। यह मगरमच्छ बाढ़ के पानी में फंस गया था, जिससे उसकी सुरक्षा और निकालने का कार्य वन विभाग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया।
वन विभाग के रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर करणसिंह राजपूत ने बताया कि पिछले पांच दिनों में विभाग ने कुल 10 मगरमच्छों को बचाया है। इनमें से दो मगरमच्छों को वापस उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया गया है, जबकि आठ मगरमच्छ फिलहाल वन विभाग की देखरेख में हैं। राजपूत ने कहा, “जब नदी का जल स्तर कम हो जाएगा, तो हम इन मगरमच्छों को भी उनके प्राकृतिक habitat में छोड़ देंगे।”
इस दौरान, वन विभाग ने कामनाथ महादेव मंदिर के पास से 14 फीट लंबे मगरमच्छ, रात्रि बाजार के पास से एक अन्य मगरमच्छ और एमएस यूनिवर्सिटी के जूलॉजी विभाग से 11 फीट लंबे मगरमच्छ को भी बचाया। इन प्रयासों के माध्यम से वन विभाग ने यह सुनिश्चित किया कि बाढ़ के दौरान मगरमच्छों और अन्य वन्य जीवों को सुरक्षित रखा जा सके और उन्हें उनके प्राकृतिक आवास में पुनः स्थापित किया जा सके।
वन विभाग की यह त्वरित और प्रभावी कार्रवाई न केवल मगरमच्छों की सुरक्षा में सहायक रही बल्कि यह भी दर्शाती है कि बाढ़ जैसी आपातकालीन परिस्थितियों में वन विभाग का भूमिका कितनी महत्वपूर्ण होती है।