सूरत शहर की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने मोटा वराछा इलाके में चल रहे गैरकानूनी ऑनलाइन गेमिंग और डब्बा ट्रेडिंग रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस ऑपरेशन में 943 करोड़ रुपये के लेन-देन का खुलासा हुआ है और 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यह पूरा रैकेट “सनराइज़ डिवेलपर्स” नामक कंस्ट्रक्शन ऑफिस की आड़ में चलाया जा रहा था।
कैसे चल रहा था रैकेट?
सूरत के लजामणि चौक स्थित मेरिडियन बिज़नेस सेंटर में “सनराइज़ डिवेलपर्स” नाम की ऑफिस से ये गतिविधियां संचालित हो रही थीं। जांच में सामने आया कि इस ऑफिस में दो मुख्य अवैध गतिविधियाँ हो रही थीं:
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बिना SEBI की अनुमति के “Castilo 9” और “Stock Grow” जैसे सॉफ्टवेयर के ज़रिए डब्बा ट्रेडिंग
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और BETFAIR.com, NEXONEXCH.com, PAVANEXCH, ENGLISH999 जैसी वेबसाइटों पर ऑनलाइन सट्टेबाज़ी।
ब्लैक मनी का खेल और मुनाफे का लालच:
आरोपी ग्राहकों को ऊंचे मुनाफे का लालच देते थे और यह भी कहते थे कि इसमें न कोई घाटा है, न टैक्स। साथ ही, ब्लैक मनी के उपयोग की भी छूट दी जाती थी। इस वजह से सरकार को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया।
टेक्नोलॉजी और लेन-देन का खुलासा:
943 करोड़ रुपये के ट्रांजैक्शन अलग-अलग ऐप्स के ज़रिए किए गए। इसके अलावा, 4.62 करोड़ रुपये के अन्य ट्रांजैक्शन भी विभिन्न बैंक खातों से सामने आए हैं।
सबूत मिटाने के लिए पेपर कटिंग मशीन:
SOG को ऑफिस से पेपर कटिंग मशीन भी मिली, जिसका इस्तेमाल कागज़ों को टुकड़े-टुकड़े करने में होता था ताकि सबूत न मिल सकें, खासकर ब्लैक मनी से जुड़े लेन-देन के।
गिरफ्तार आरोपी:
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नंदलाल उर्फ़ नंदो विठ्ठलभाई गेवरिया – मुख्य सूत्रधार, पहले से आरोपी
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विशाल उर्फ़ विक्की मनसुखभाई गेवरिया – नंदलाल का चचेरा भाई
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भावेश जीनाभाई किहला, जयदीप कांजीभाई पीपलिया, नवनीत चतुरभाई गेवरिया – फाइनेंस संभालते थे
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भाविन अरविंदभाई हीरपरा, बकुल मगनभाई तरसरिया – सॉफ्टवेयर डेवेलपर
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साहिल मुकेशभाई सुवागिया – कॉलर के रूप में कार्यरत
250 से अधिक यूज़र्स का पता चला:
SOG की जांच में अब तक 250 से ज्यादा लोगों ने इस रैकेट में शामिल होकर ऑनलाइन गेमिंग और ट्रेडिंग की थी। आरोपी ग्राहक को यूज़र ID और पासवर्ड देते थे और सॉफ्टवेयर के ज़रिए अवैध गतिविधि कराते थे।
मुख्य आरोपी नंदलाल गेवरिया पिछले 10 वर्षों से ऐसी गतिविधियों में संलिप्त था। पिछले 1.5 वर्षों से वह “सनराइज़ डिवेलपर्स” के नाम पर यह पूरा रैकेट चला रहा था।