स्वतंत्रता और जुड़ाव: दोनों की स्वतंत्रता बनी रहती है और साथ ही एक-दूसरे की उपस्थिति से कभी अकेलापन महसूस नहीं होता।
सच्चा समर्थन: खुशी में खुशी और दर्द में साथी की भावनाओं की साझेदारी।
वादों और कसमें: बिना किसी औपचारिकता के, बस एक पवित्र एहसास।
आत्मा तक का जुड़ाव: एक ऐसा रिश्ता जो आत्मा को अमरत्व प्रदान करता है, किसी भी समय की सीमा या रोक-
रिलेशनशिप क्या है????…
रिलेशनशिप का मतलब ,
एक bf या gf वाला रिलेशनशिप ही नही होता,
एक ऐसा रिलेशन …
जिसमे दो लोग सिर्फ भावनाओं से ,
एक दूसरे से जुड़े रहते हैं.. ,
इक ऐसा रिश्ता जिसपर ,
कोई सामाजिक मोहर या नाम नही होता,
मगर समाज के हर दिखावटी रिश्ते से बढ़कर,
फर्ज निभाया जाता है…
एक ऐसा बंधन ,
जिसमे आप एक दूसरे से जुड़े भी रहते है,
और आपकी आज़ादी पर भी ,
किसी तरह की कोई पाबंदी नही रहती..
वो एहसास जो आपको कभी तनहा नही रहने देता,
ज़रूरी नही की कोई आपके साथ चल रहा है ,
तभी साथ है,
अरे…
ज़रूरी तो ये है कि किसी की मौजूदगी ,
आपको कभी अकेला महसूस ना होने दे..
आपकी हँसी में जिसकी खुशी शामिल हो,
आपके दर्द में नमी उसकी पलकों पर ठहर जाये,
इक ऐसा रिलेशन जिसमे वादे नही होते,
कसमें नही खायी जाती,
बस एक एहसास ,
जो दो लोगो को आपस में जोड़े रखता है,
रिलेशन शिप का अंत ज़रूरी नही की शादी हो,
या हमेशा के लिए बिछड़ जाना,
या फिर तमाम उम्र का पछतावा,
नही…
ये पछतावा नहीं,एक मीठी याद की तरह होता है,
निश्चल निष्पाप पाक बंधन,
जिसमे कोई सीमाएं नही है कोई रोक टोक नही है,
सुगंधित इत्र की तरह महकने वाला,
एक रिश्ता जो हमारी आत्मा तक को,
अमरत्व सा प्रदान करता है,
उम्र भर निभाया जाने वाला,
एक सुखद अहसास एक भरोसा ,
कि चाहे मेरे साथ कोई हो ना हो ,
वो हमेशा होगा,
एक विश्वास …❣️
जो आपको कभी कमज़ोर नही पड़ने देता…..
ख़ैर….