बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में आज अहमदाबाद के रिवरफ्रंट पर हिंदू संगठनों और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व में एक विशाल प्रदर्शन किया गया। सुबह 8:30 बजे से 9:15 बजे तक वल्लभ सदन से उस्मानपुरा रिवरफ्रंट पार्क तक मानव श्रृंखला बनाकर बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर चिंता जताई गई। इस दौरान हिंदू संगठनों ने बांग्लादेश में चल रहे अत्याचारों को रोकने और चिन्मयदासजी महाराज की रिहाई की मांग की।
संतों और नेताओं की सक्रिय भागीदारी
इस प्रदर्शन में अहमदाबाद जगन्नाथ मंदिर के महंत दिलीपदासजी महाराज, स्वामीनारायण संप्रदाय के साधु-संत, नगर निगम के अधिकारी, बीजेपी विधायक, और अन्य धार्मिक संगठनों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में बैनर लिए ‘बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार बंद करो’ और ‘चिन्मयदासजी महाराज को रिहा करो’ जैसे नारे लगाए।
महंत दिलीपदासजी महाराज ने कहा, “बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले हमारे लिए शर्मनाक हैं। मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है और हिंदुओं को उनके धर्म का पालन करने से रोका जा रहा है। हम मांग करते हैं कि भारत सरकार इस मुद्दे पर कड़ा कदम उठाए और बांग्लादेश में शांति स्थापित करे।”
सांस्कृतिक और धार्मिक संदेश
भदाज हरे कृष्णा मंदिर के श्यामचरण दासजी ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार लंबे समय से चल रहा है। उन्होंने सभी सनातन धर्मावलंबियों से भगवद गीता के प्रचार और धार्मिक एकता को बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, “कल मोक्षदा एकादशी है। यह दिन भगवद गीता के अध्ययन और हिंदू एकता के लिए महत्वपूर्ण है।”
राजनीतिक और सामाजिक चेतावनी
अहमदाबाद नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष देवांग दानी ने कहा, “हिंदू समाज कभी आक्रमणकारी नहीं रहा, लेकिन अगर उस पर हमला होता है, तो इसे सहन नहीं किया जाएगा। आज का प्रदर्शन बांग्लादेश के हिंदुओं को यह संदेश देने के लिए है कि वे अकेले नहीं हैं। पूरी दुनिया के हिंदू उनके साथ खड़े हैं।”
हथियार उठाने की आवश्यकता पर चर्चा
गुजरात प्रांत के संघचालक डॉ. भरत पटेल ने कहा, “बांग्लादेश में हिंदुओं को आत्मरक्षा के लिए तैयार रहना होगा। हथियार रखना अनिवार्य हो सकता है, लेकिन उसका उपयोग केवल जरूरत पड़ने पर ही होना चाहिए। हमें बांग्लादेश के हिंदुओं का मनोबल बढ़ाना है और उनकी रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाना है।”
अंतर्राष्ट्रीय हिंदू एकता का आह्वान
प्रदर्शन के माध्यम से हिंदू संगठनों ने बांग्लादेश सरकार और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अत्याचार बंद करने की अपील की। आयोजन ने यह संदेश दिया कि हिंदू समाज पूरी दुनिया में एकजुट है और अपने धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए संगठित प्रयास करेगा।