रक्षा मंत्रालय एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली मेगा युद्धपोत और युद्धक टैंक परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए तैयार है। यह निर्णय चीन के साथ चल रहे गतिरोध के बीच लिया जा रहा है, और इसका उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों की युद्धक क्षमता को बढ़ाना है।
द्वारा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को साउथ ब्लॉक में होने वाली बैठक में भारतीय नौसेना और भारतीय सेना द्वारा प्रस्तावित प्रमुख परियोजनाओं पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, तीनों सेनाओं के प्रमुख, रक्षा सचिव और अन्य संबंधित अधिकारी शामिल होंगे।
भारतीय नौसेना के लिए प्रमुख परियोजना में सात उन्नत फ्रिगेट के निर्माण की योजना शामिल है। ये युद्धपोत ‘प्रोजेक्ट 17 ब्रावो’ के तहत बनाए जाएंगे और नीलगिरि श्रेणी के फ्रिगेट के बाद भारत में निर्मित अब तक के सबसे उन्नत स्टील्थ फ्रिगेट होंगे। रक्षा अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना के लिए लगभग 70,000 करोड़ रुपये की निविदा जारी की जाएगी। यह निविदा ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारतीय शिपयार्ड को दी जाएगी, जिसमें मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड, गोवा शिपयार्ड लिमिटेड और लार्सन एंड टुब्रो जैसे श्रेणी ए शिपयार्ड शामिल हो सकते हैं। निविदा को दो शिपयार्ड के बीच विभाजित किए जाने की संभावना है, जिससे परियोजना की समयसीमा को पूरा किया जा सके।
दूसरी प्रमुख परियोजना भारतीय सेना की है, जिसमें रूसी मूल के टी-72 टैंकों को 1,700 फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल्स (FRCV) से बदलने का प्रस्ताव शामिल है। इस परियोजना के तहत भारतीय विक्रेताओं को 60 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री वाले टैंक बनाने की आवश्यकता होगी। प्रमुख कंपनियों जैसे भारत फोर्ज और लार्सन एंड टुब्रो ने इस निविदा में भाग लेने की संभावना जताई है। सेना का उद्देश्य FRCV परियोजना को चरणबद्ध तरीके से पूरा करना है, जिसमें प्रत्येक चरण में लगभग 600 टैंक बनाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, सेना द्वारा बैठक के दौरान लगभग 100 BMP-2 पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों की प्राप्ति का प्रस्ताव भी रखा जाएगा।
समग्र FRCV परियोजना की लागत 50,000 करोड़ रुपये से अधिक होने की संभावना है, और इसका मुख्य उद्देश्य सेना की बख्तरबंद रेजिमेंटों का आधुनिकीकरण करना है। इन प्रमुख परियोजनाओं की मंजूरी से भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत और सक्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।