एक मेहनती किसान के पास एक बकरी और एक गधा था। वह बकरी को स्वतंत्र रूप से घास खाने के लिए छोड़ देता था, जबकि गधे को अपने हाथ से खाना खिलाता था, क्योंकि गधा बहुत मेहनत करता था। बकरी को गधे की किस्मत से जलन थी और उसने कभी यह नहीं सोचा कि गधा कितनी मेहनत करता है।
बकरी ने सोचा, “अगर मैं गधे को रास्ते से हटा दूं, तो मालिक मुझे भी प्यार से खाना खिलाएंगे!” एक दिन, बकरी ने मौका देखकर गधे को गड्ढे में धकेल दिया। गधा घायल हो गया और किसान ने उसे गड्ढे से निकालकर डॉक्टर के पास ले गया। डॉक्टर ने कहा कि गधा जल्दी ठीक नहीं होगा और उसकी ठीक होने की प्रक्रिया में समय लगेगा।
किसान ने डॉक्टर से आग्रह किया, “कृपया मेरे गधे को जल्दी ठीक कर दीजिए, वरना मेरे खेती का काम रुक जाएगा।”
डॉक्टर ने कहा, “अगर आप चाहते हैं कि गधा जल्दी ठीक हो, तो उसे बकरी का सूप पिलाना होगा।”
किसान ने मजबूरी में डॉक्टर की बात मान ली। इस तरह, बकरी की जलन और गधे की स्थिति का परिणाम यह हुआ कि बकरी को गधे का खाना बनना पड़ा।
सीख: जलन और लालच से बचना हमेशा हमारे लिए बेहतर होता है। जब हम दूसरों की स्थिति से जलते हैं या खुद को बेहतर मानने की लालसा करते हैं, तो अक्सर हमें अपनी ही स्थिति को नुकसान पहुंचाना पड़ता है। अपने काम और स्थिति से संतुष्ट रहना और दूसरों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखना ही बेहतर होता है।