क्या नींद की कमी, थकावट, गुस्सा और चिढ़चिढ़ापन डिप्रेशन के लक्षण हो सकते हैं?
आजकल की तेज़-तर्रार जिंदगी और बढ़ते मानसिक दबाव के कारण बहुत से लोग नींद की कमी, लगातार थकावट, छोटी-छोटी बातों पर गुस्से में आना, या किसी भी काम में मन न लगने जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। कई बार, ऐसे लक्षणों को लोग सामान्य थकान या तनाव समझ लेते हैं, लेकिन क्या ये मानसिक समस्याओं, खासकर डिप्रेशन के संकेत हो सकते हैं?
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को लंबे समय तक नींद की कमी महसूस हो रही हो, या उसे बिना किसी स्पष्ट कारण के चिड़चिड़ापन और गुस्से का सामना करना पड़ रहा हो, तो यह डिप्रेशन का संकेत हो सकता है। इसी तरह, यदि छोटी-छोटी बातों पर रोना, या अपने पसंदीदा काम में भी रुचि न लेना जैसी समस्याएं लगातार बनी रहती हैं, तो यह मानसिक स्वास्थ्य की समस्या का इशारा हो सकता है।
डिप्रेशन का असर सिर्फ मानसिक स्थिति पर नहीं, बल्कि शारीरिक स्थिति पर भी पड़ सकता है। लोग शारीरिक कमजोरी, थकान और ऊर्जा की कमी महसूस करते हैं। कई बार, व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है कि वे किसी भी काम को पूरी तरह से करने में सक्षम नहीं हैं। ऐसी स्थिति में व्यक्ति के आत्मविश्वास में कमी आ जाती है और उसे सब कुछ निरर्थक लगने लगता है।
अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है और व्यक्ति के दैनिक जीवन को प्रभावित करती है, तो यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकती है। इसलिए, अगर आप या आपका कोई जानने वाला लगातार ऐसे लक्षणों का सामना कर रहा है, तो मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह लेना बेहद महत्वपूर्ण है। डिप्रेशन के लक्षणों को समझकर उपचार की दिशा में कदम उठाना जरूरी है। सही उपचार, मानसिक समर्थन और जीवनशैली में सुधार से डिप्रेशन को दूर किया जा सकता है।
स्वस्थ मानसिकता के लिए पर्याप्त नींद, नियमित व्यायाम, अच्छे आहार और खुद को आराम देने का समय जरूरी है। साथ ही, अगर किसी को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं महसूस हो रही हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि वह बिना किसी झिझक के मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से मदद लें।