भारतीय क्रिकेट में इतिहास रचने वाले युवा खिलाड़ी अंकित चटर्जी का नाम इन दिनों सुर्खियों में है क्योंकि अंकित चटर्जी ने तोड़ा गांगुली का रिकॉर्ड। उन्होंने 15 साल और 361 दिन की उम्र में बंगाल के लिए फर्स्ट क्लास डेब्यू करके सौरव गांगुली का 35 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। यह उपलब्धि उन्हें हरियाणा के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान मिली।
कैसे रचा इतिहास?
रणजी ट्रॉफी के मौजूदा सत्र में बंगाल और हरियाणा के बीच मुकाबला खेला गया। इस मैच में बंगाल की ओर से अंकित चटर्जी को डेब्यू करने का मौका मिला। मैदान पर उतरते ही उन्होंने सबसे कम उम्र में बंगाल के लिए फर्स्ट क्लास डेब्यू करने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया।
गांगुली का रिकॉर्ड
इससे पहले यह रिकॉर्ड भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के नाम था। गांगुली ने 1990 में दिल्ली के खिलाफ फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था। उस समय उनकी उम्र 17 साल थी।
अंकित चटर्जी का बैकग्राउंड
अंकित चटर्जी पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के रहने वाले हैं।
- वह बनगांव हाई स्कूल में 10वीं कक्षा के छात्र हैं।
- अंकित स्थानीय स्तर पर श्यामबाजार क्लब का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- उनका स्कूल क्लब से लगभग 75 किलोमीटर दूर है, लेकिन अंकित की मेहनत और लगन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया।
परिवार और प्रेरणा
अंकित का परिवार साधारण पृष्ठभूमि से है। उनके माता-पिता ने हमेशा उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित किया। उनकी इस सफलता ने पूरे बंगाल में गर्व का माहौल बना दिया है।
मुकाबले का पहला दिन कैसा रहा?
इस मुकाबले में बंगाल के कप्तान अनुस्तुप मजूमदार ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया।
- हरियाणा की टीम 157 रन पर सिमट गई।
- बंगाल की ओर से सूरज सिंधु जायसवाल ने 6 विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया।
- जवाब में बंगाल ने पहले दिन का खेल खत्म होने तक 1 विकेट के नुकसान पर 10 रन बनाए।
- अंकित चटर्जी 5 रन बनाकर नॉटआउट रहे।
कम उम्र में डेब्यू करने वाले भारतीय खिलाड़ी
अंकित चटर्जी ने सिर्फ गांगुली का रिकॉर्ड नहीं तोड़ा, बल्कि उन्होंने कम उम्र में डेब्यू करने वाले खिलाड़ियों की सूची में भी अपना नाम शामिल कर लिया।
- अलीमुद्दीन: 12 साल 73 दिन
- एसके बोस: 12 साल 76 दिन
- मोहम्मद रमजान: 12 साल 247 दिन
अंकित का सफर अभी शुरू हुआ है
अंकित का डेब्यू भारतीय क्रिकेट के लिए एक नई उम्मीद है। उनकी प्रतिभा और मेहनत ने दिखा दिया है कि भविष्य में वह भारतीय टीम का अहम हिस्सा बन सकते हैं।
अंकित चटर्जी ने क्यों बनाया रिकॉर्ड खास?
- छोटी उम्र में बड़ा सपना:
अंकित ने यह साबित किया कि छोटी उम्र में भी बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं। - सौरव गांगुली से प्रेरणा:
उनका यह रिकॉर्ड सिर्फ एक खिलाड़ी के रूप में नहीं, बल्कि गांगुली जैसे महान कप्तान को पीछे छोड़ने के रूप में भी खास है। - क्रिकेट का जुनून:
स्थानीय स्तर से शुरू हुआ सफर उन्हें रणजी ट्रॉफी तक लेकर आया। यह उनकी कड़ी मेहनत का नतीजा है।
निष्कर्ष
अंकित चटर्जी ने तोड़ा गांगुली का रिकॉर्ड और अपनी छवि एक उभरते हुए खिलाड़ी के रूप में बनाई। यह उनकी शुरुआत है, और उनका यह सफर भविष्य में भारतीय क्रिकेट को कई और रिकॉर्ड दिला सकता है। क्रिकेट के मैदान पर अंकित की इस उपलब्धि को लंबे समय तक याद रखा जाएगा।