केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 06 सितंबर को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा का घोषणापत्र जारी करते हुए स्पष्ट किया कि अनुच्छेद 370 अब इतिहास बन चुका है और भविष्य में कभी वापस नहीं आएगा। शाह ने इस मुद्दे पर भाजपा का स्थिर रुख दोहराते हुए कहा कि सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद राज्य के विकास और सुरक्षा पर जोर दिया है।
अमित शाह ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला पर कटाक्ष करते हुए कहा, “चुनाव परिणाम चाहे जो भी हों, मैं उन्हें गुज्जर और बकरवाल जातीय समूहों के लिए आरक्षण में कोई बदलाव करने की अनुमति नहीं दूंगा। मैंने देखा है कि एनसी के एजेंडे को कांग्रेस भी चुपचाप समर्थन कर रही है, लेकिन मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि अनुच्छेद 370 अब केवल एक इतिहास का हिस्सा है और इसे कभी वापस नहीं लाया जा सकेगा। यह वही अनुच्छेद था जिसने युवाओं को हथियार और पत्थर सौंपे थे।”
शाह ने भाजपा के घोषणापत्र को लेकर कहा कि पार्टी का ध्यान जम्मू-कश्मीर के समग्र विकास और स्थिरता पर केंद्रित है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की सरकार ने जम्मू-कश्मीर की समस्याओं का समाधान और वहां की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। इस बयान से शाह ने भाजपा के दृढ़ विश्वास को दर्शाया कि अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद जम्मू-कश्मीर में कोई वापस नहीं हो सकता और भविष्य में भी ऐसा संभव नहीं होगा।