Jansansar
A step mother's story: Dil Se Dil Tak
लाइफस्टाइल

एक सौतेली मां की कहानी: दिल से दिल तक

नव्या बचपन से ही बहुत जिद्दी थी। उसकी मां, सुनीता, एक एक्सीडेंट में 2 साल पहले गुजर गई थी, और नव्या के पिता, धर्मेंद्र, एक नई शादी करने की कोशिश कर रहे थे। नव्या को सौतेली मां के आने का डर था, और उसका यह डर उसे अपने पापा का रिश्ता जुड़ने नहीं देता था। उसकी दादी और नानी ने बहुत प्रयास किया कि नव्या को समझा सकें, लेकिन उसकी जिद कम नहीं हुई।

धर्मेंद्र की मां की अंतिम इच्छा थी कि उनकी बेटी के लिए एक अच्छी सौतेली मां मिले। इसके लिए सुनीता की एक दोस्त, माया, से धर्मेंद्र की शादी कर दी गई। माया की शादी नहीं हो रही थी, और उसकी परिस्थितियाँ भी अच्छी नहीं थीं। फिर भी उसने धर्मेंद्र के लिए और नव्या के भविष्य के लिए इस शादी को स्वीकार किया।

शादी के बाद, नव्या माया को परेशान करने लगी। माया ने नव्या को बहुत प्यार से समझाने की कोशिश की, लेकिन नव्या की जिद कम नहीं हुई। माया ने धर्मेंद्र को नव्या के व्यवहार की सच्चाई बताने के लिए वीडियो बनाए, जिससे धर्मेंद्र को नव्या की सच्चाई का पता चला। धर्मेंद्र ने माया को धन्यवाद कहा और नव्या को समझाया कि उसे माया के साथ अच्छा बर्ताव करना चाहिए।

समय के साथ, नव्या ने माया के प्रति थोड़ा अच्छा बर्ताव करना शुरू किया। माया और धर्मेंद्र का रिश्ता भी सुधरने लगा, लेकिन पति-पत्नी जैसा रिश्ता कभी नहीं बन सका। माया ने अपने दिल की इच्छाओं को दबी रखा और नव्या को कभी भी सौतेला पन महसूस नहीं होने दिया।

धर्मेंद्र के निधन के बाद, माया और नव्या अकेले रह गए। माया ने छोटी-छोटी नौकरियों से घर का खर्चा चलाया, और धर्मेंद्र की बचत नव्या के लिए रखी। नव्या की शादी एक लड़के, सुशांत, से हुई, लेकिन सुशांत की मां खड़ूस थी। नव्या की सास और उनकी सहेलियों ने माया के बारे में बुरा भला बोलना शुरू किया, जिससे नव्या का आत्मनियंत्रण टूट गया।

नव्या ने अपनी सास को जवाब देते हुए बताया कि माया ने उसे बहुत प्यार दिया, और उसने माया को कभी भी बुरा नहीं समझा। नव्या ने माया को गले लगाकर प्यार से “मां” बुलाया, जो माया के लिए सबसे बड़ा इनाम था।

इस घटना के बाद, नव्या और माया के रिश्ते में गहरी समझ और प्यार आ गया। उन्होंने एक-दूसरे को पूरी तरह स्वीकार कर लिया और उनके रिश्ते में गहना बदल गया—सच्चे ममता का गहना।

समाज में कभी-कभी गलत धारणाएं और भावनाएं बच्चों तक पहुंचती हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम बच्चों को सही समझ दें और हर स्थिति की सत्यता पर ध्यान दें। किसी भी बात को दिल और दिमाग में बिठाने से पहले उसकी सत्यता की कसौटी करना बेहद जरूरी है।

Related posts

अलीगढ़ से विश्वपटल तक : अमर सिंह राही व डॉ.अवनीश राही के महाकाव्य की गूँज

Jansansar News Desk

नई दिल्ली में डॉ. आदित्य पतकराव और केंद्रीय मंत्री वि. सोमन्ना की महत्वपूर्ण बैठक – मुरुड स्टेशन विस्तार, घटनांदुर-श्रीगोंदा-दौंड रेलवे प्रोजेक्ट और बीड स्टेशन विकास पर हुई विस्तृत चर्चा

Jansansar News Desk

जोनल रेलवे सदस्य डॉ. आदित्य पतकराव ने की रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से महत्वपूर्ण बैठक

Jansansar News Desk

Animesh Khare Das की नई किताब “Poems and Verses for Kids” लॉन्च

Jansansar News Desk

गीतकार डॉ.अवनीश राही के जन्मदिवस पर उनके साथ एक खास साहित्यिक-यात्रा

Jansansar News Desk

सावन मेले में उमड़ी महिलाओं की भीड़

Ravi Jekar

Leave a Comment