अलीगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ॰ अवनीश राही का बहु-प्रतीक्षित नवीन काव्य-संग्रह “जीवन के रंग-दोहों के संग” 11 जुलाई को उनके जन्मदिवस पर “जिज्ञासा प्रकाशन” गाज़ियाबाद उ.प्र. से प्रकाशित हो रहा है। इस दोहा-संग्रह में जीवन के विविध पहलुओं के रंग-रूपों, ऊतार-चढाव,मानवीय मूल्य, एवं भारतीय संस्कृति को स्पर्श करते हुए 800 दोहों का वृहद समावेश है जिनका भावार्थ सहित अनुवाद भी किया गया है। इसी संदर्भ में श्री राही के जन्मदिवस पर एक खास “साहित्यिक-यात्रा”….
अलीगढ के एक सामान्य परिवार में 11जुलाई 1974 को जन्में गीतकार डॉ.अवनीश राही कलम के वो सशक्त हस्ताक्षर हैं जिन्होंने तत्कालीन प्रधान मंत्री श्रीमती इन्दिरा गाँधी की हत्या के वीभत्स कांड से द्रवीभूत हो महज 10 वर्ष की बाल अवस्था में ही प्रथम गीत लिखकर साहित्य की सरजमी पर मानवता की महापटकथा लिखने की दस्तक देदी थी। इसी कारण आपको सबसे कम उम्र का गीतकार होने का भी गौरव प्राप्त है।
जहां आपका प्रथम काव्य-संग्रह भक्तों की पुकार 14 वर्ष की किशोरावस्था में नारायण दास बुकसेलर नयागंज हाथरस से प्रकाशित हुआ, वहीं 15 वर्ष की तरूणाई को छूते-छूते प्रथम म्यूजिकल एल्बम “काली चुनरी” राहुल कैसेट डिबाई बुलंदशहर से जारी हुआ और तब से अब तक यह 40 वर्षों की मैराथन लेखन यात्रा देश-हित ,समाज हित और जनहित में निरन्तर बादस्तूर जारी है।
आपका तमाम साहित्य गवाह है कि आप ने दरबारी कवि होना कभी स्वीकार नहीं किया, और ना ही कभी जयकार और पुरस्कार की चाह में राजा या सरकार को खुश करने के लिए उसकी शान में कसीदे पढे। बल्कि मानवीय मूल्यों को ऊपर रख ,समाज के ज्वलंत मुदूदों व कुरितियों पर करारा प्रहार कर, सामाजिक असमता,व्यवस्था, भूख, गरीबी,बेकारी के सुलगते प्रश्नों को प्रमुखता से उछाले रखा। और सदैव जन-मानस की पीड़ा को लिखा और गाया। इसलिए ही तो आपको आज जनकवि के रूप में जाना जाता है।
“दा फिल्म एंड स्क्रीन राईटर्स एसोसिएशन मुंबई” के आजीवन सदस्य गीतकार डॉ.अवनीश राही अब तक सैंकडों गीतों की रचना कर चुके हैं। आपके लिखे गीतों के तमाम म्यूजिक एलबम कैसेट, सीडी, डीवीडी देश की नामचीन कंपनियां जैसे टी-सीरीज, वीनस, टिप्स, लारा,सिसोदिया,नरजिस, साई रिकॉर्ड्स, जे.वी.एल.आदि जारी कर चुकी हैं। इतना ही नहीं आज आपके लिखे गीतों को कुमार सानू ,उदित नारायण, अलका याज्ञनिक अनुराधा पौडवाल,वंदना वाजपेई, अनूप जलोटा, साधना सरगम, रविन्द्र जैन,शाहिद माल्या, तृप्ति शाक्या, शबाब साबरी, खुश्बू जैन, दामोदर राव सरीखे बॉलीवुड पार्श्वगायक अपनी आवाज दे चुके हैं। इसके इतर भारत रत्न बाबासाहेब डाॅ. भीम राव अम्बेडकर जी पर बनाई गयी आपकी म्यूजिकल फिल्म सुनो भीम कहानी” और “डॉ. अम्बेडकर जीवन गाथा” ने सफलता के नये आयाम गढे हैं। और समता मूलक समाज की स्थापना में मील का पत्थर साबित हुई हैं। “गुलशन कुमार सुपर कैसेट्स टी-सीरीज” से जारी इस म्यूजिकल फिल्म को करोड़ों दर्शकों का प्यार और दुलार मिला है। इससे प्रथक आज आप मुंबई की कई बडें पर्दे की फीचर फिल्मों के लिए भी गीत लिख रहे हैं जिनमें मिशन आॅवर, प्यार तो हमेशा रहेगा और राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फूले का नाम उल्लेखनीय है।
अलीगढ के “हीरालाल बारह सैनी इंटर कालेज” में व्याख्याता पद पर आसीन गीतकार डॉ.अवनीश राही की पुस्तकों और काव्य-संग्रहों की बात करें तो आपके दर्जनों काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जैसे राही की कालजयी रचनाएं कलम की वेदना, मेरा मसीहा- मेरा क़ातिल,जीवन-ज्ञानपुन्ज, ज़ख्मी कलम-सिसकते नग्में, उन दिनों 1992, काव्य-मंजरी,कविता के रंग-शब्दों के संग आदि-आदि इतना ही नहीं आपने अपने पिता साहित्यकार महाकवि अमरसिंह राही जी के संयुक्त लेखन में भी तीन महाकाव्य भीम चरितमानस, बुद्ध ज्ञान महासागर तथा मान्यवर कांशीराम चरितमानस की भी रचना की है। प्रत्येक महाकाव्य सात कांडो में विभाजित है जिनमें दोहा,चौपाई, छंद ,सवैया, लावनी,चौबोला,संवाद, बहरतब्बील,आल्हा, राधेश्याम जैसी तमाम लोक विधाओं का समावेश किया गया है। इन महाकाव्यों का विमोचन राष्ट्रपति भवन में तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम डॉ. प्रणब मुखर्जी, उप राष्ट्रपति महामहिम डॉ. हामिद अंसारी व माननीय प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी के कर-कमलों द्वारा संपन्न हो चुका है। यहाँ यह भी स्पष्ट करना जरूरी है कि आपकी तमाम रचनाएं ऐसी हैं जो मानव के अंतर्मन को उद्वेलित करती हैं, झकझोरती हैं या यू कहें कि आदमी को आदमी बनाने का काम करती हैं। आपकी ऐसी तमाम कालजयी रचनाओं को आपके यूट्यूब चैनल “Dr. Avnish Rahi” पर देखा व सुना जा सकता है। इसमें गौरतलब बात ये है कि इन रचनाओं को आप पर ही फिल्माया गया है।
“IPRS मुंबई” के आजीवन सदस्य गीतकार डॉ.अवनीश राही के सम्मान व अवार्ड की भी एक लम्बी फेहरिस्त है। आपको आपकी समाजिक गतिविधियों तथा स्वस्थ्य समाज के निर्माण के लिए अलीगढ रत्न, ओज़ोन रत्न, डॉ.अम्बेडकर रत्न, उत्तर प्रदेश गौरव , लाईफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड-नेपाल, सम्यक साहित्य रत्न सम्मान, डॉक्टर अम्बेडकर फैलोशिप अवार्ड, साहित्य गौरव सम्मान,भारतीय त्रिरत्न सम्मान ,साहित्य पुरस्कार, भीम रत्न सम्मान, सरस्वती पुत्र सम्मान,बैस्ट संपादक आॅफ दा ईयर-2024, डॉ अम्बेडकर ह्यूमन राइट्स अवार्ड सहित दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित द्वारा स्वर्ण पदक सरीखे सम्मानों से नवाजा जा चुका है।
जहां अभी पिछले दिनों “पण्डित दीनदयाल उपाध्याय हिन्दी विद्यापीठ” द्वारा, पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर, “हिंदी राष्ट्रीय दिवस” के साहित्यिक पखवाड़े में आपको आपकी शिक्षा , साहित्य, संस्कृति,कला व गीत-सृजन के क्षेत्र में विशेष उपलब्धि हासिल करने पर आपके अतुलनीय योगदान हेतु “विद्यावाचस्पति डॉक्ट्रेट की मानद् उपाधि-2024” के सम्मान से सम्मानित किया गया वहीं दूसरी ओर दिल्ली विधानसभा के मुख्यमंत्री सभागार में विधानसभा अध्यक्ष माननीय राम निवास गोयल जी के कर-कमलों द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार “भारत -विभूषण” से सम्मानित किया गया। हाल ही में विश्व स्तर पर एशियाई देशों को एक मंच पर लाने के उद्देश्य से,नेपाल संस्कृति एवं फिल्म केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में आपको अंतर्राष्ट्रीय स्तर विशिष्ट योगदान के लिए “इंटरनेशनल अचीवर्स अवार्ड्स-2024 नेपाल” से भी सम्मानित किया गया। ज्ञातव्य हो कि आपको सिने-अभिनेत्री भाग्यश्री द्वारा “साहित्य शिरोमणि शब्द-सम्मान” तो हिमाचल प्रदेश के गवर्नर माननीय श्री शिव प्रताप शुक्ला जी द्वारा “राष्ट्रीय गौरव साहित्य श्री सम्मान”,सहित “गीत-गंधर्व साहित्य सम्मान” से भी नवाजा जा चुका है। और विशेष उपलब्धि में अभी पिछले माह राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री द्वारा हिन्दी के प्रथम महाकवि “चंदबरदाई की स्मृति में “चंदबरदाई गीत ऋषि राजस्थान सम्मान” से नवाजा गया।