सूरत, 15 दिसंबर 2024: सेंट्रल जोन में विकास कार्यों को लेकर मेयर दक्षेश मवानी और विधायक अरविंद राणा के बीच विवाद तेज हो गया है। विधायक राणा ने शुक्रवार को मेयर को एक पत्र भेजकर सेंट्रल जोन की सड़कों को सीसी में बदलने और इस काम के लिए बजट में 25 करोड़ रुपये आवंटित करने की मांग की। राणा का कहना था कि इलाके में चल रही खुदाई और लंबे समय से जारी निर्माण कार्यों के कारण लोग परेशान हो रहे हैं और कई लोग पलायन कर रहे हैं।
विधायक का आरोप: सड़कों की दुर्दशा और पलायन
विधायक राणा ने पत्र में लिखा, “सेंट्रल जोन में 10 साल से खुदाई चल रही है, जिससे लोग दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। सड़कें बदहाल हैं और ड्रेनेज तथा जल लाइन के काम ने लोगों को बहुत परेशान किया है। कई लोग इस क्षेत्र को छोड़कर जा रहे हैं।” राणा ने यह भी कहा कि आगामी बजट में सेंट्रल जोन की सड़कों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और इसके लिए 25 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएं।
मेयर का जवाब: तीन वर्षों में 196.71 करोड़ का विकास कार्य
वहीं, मेयर मवानी ने राणा के पत्र का जवाब देते हुए सेंट्रल जोन में हुए विकास कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने 20 पन्नों का एक पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों में सेंट्रल जोन में कुल 196.71 करोड़ रुपये के विकास कार्य पूरे किए गए हैं। इनमें सीसी रोड, ड्रेनेज, जल लाइन, आवासीय योजनाएं और हाइड्रोलिक सेक्शन शामिल हैं। मवानी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस समय 92.24 करोड़ रुपये के विकास कार्य प्रगति पर हैं और इन कार्यों को जल्द ही पूरा किया जाएगा।
स्थानीय पार्षदों के प्रयासों की सराहना
मेयर ने यह भी कहा कि सेंट्रल जोन के वार्ड 12, 13, 20 और 21 के पार्षद स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए लगातार प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हर महीने विधायकों और सांसदों के साथ बैठकें आयोजित की जाती हैं, जिसमें क्षेत्रीय विकास के लिए सुझाव लिए जाते हैं और उन पर कार्यवाही की जाती है।
सत्तारूढ़ बीजेपी में शीतयुद्ध का संकेत
इस विवाद ने बीजेपी के भीतर के शीतयुद्ध को भी उजागर किया है, जहां मेयर और विधायक के बीच की अनबन पार्टी के अंदरूनी मतभेदों को दर्शाती है। राजनीतिक हलकों में इस विवाद को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि यह मुद्दा पार्टी के भीतर की खींचतान को और तेज कर सकता है।
समाज में असंतोष बढ़ता जा रहा है
सेंट्रल जोन के स्थानीय निवासी और व्यापारी भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त कर रहे हैं। उनका कहना है कि निर्माण कार्यों के कारण आने-जाने में कठिनाई हो रही है और कई दुकानदारों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। अगर जल्द समाधान नहीं मिला, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
निष्कर्ष: मेयर और विधायक के बीच यह विवाद सेंट्रल जोन के विकास और स्थानीय मुद्दों को लेकर बीजेपी के भीतर मतभेदों को उजागर करता है। अब यह देखना होगा कि दोनों नेता इस विवाद को किस प्रकार सुलझाते हैं और सेंट्रल जोन के निवासियों के लिए जल्द समाधान क्या होता है।