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अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी से पवन कल्याण के समर्थकों में नाराजगी, "पुष्पा-2" स्क्रीनिंग में भगदड़ की वजह से मची हलचल
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अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी पर पवन कल्याण के समर्थकों की प्रतिक्रिया, राजनीति से जुड़ा विवाद!

पुष्पा-2 की स्क्रीनिंग में भगदड़, अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी पर पवन कल्याण के समर्थकों की नाराजगी

हैदराबाद, 13 दिसंबर: अभिनेता अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी ने न केवल सिनेमा जगत, बल्कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की राजनीति में भी हलचल मचा दी है। “पुष्पा-2” फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग के दौरान मची भगदड़ में एक महिला की मौत हो गई थी, जिसके बाद पुलिस ने अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार कर लिया। अब इस मामले में उनके चाचा और आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण के समर्थक कह रहे हैं कि अगर अल्लू अर्जुन ने अपने चाचा से मदद मांगी होती, तो शायद यह मामला गिरफ्तारी तक नहीं पहुंचता।

पुष्पा-2 की स्क्रीनिंग में भगदड़, एक महिला की मौत: यह घटना हैदराबाद के संध्या टॉकीज में हुई, जहां अल्लू अर्जुन अपनी फिल्म “पुष्पा-2” की स्क्रीनिंग के लिए पहुंचे थे। स्क्रीनिंग के दौरान सैकड़ों प्रशंसकों की भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में रेवती नामक महिला की मौत हो गई, जबकि उसका बच्चा अस्पताल में इलाज ले रहा है।

अल्लू अर्जुन का राजनीति से कनेक्शन: अल्लू अर्जुन का इस मामले में राजनीतिक संदर्भ भी जुड़ा हुआ है। पिछले विधानसभा चुनावों में अल्लू ने पवन कल्याण का समर्थन करने के बजाय विपक्षी पार्टी की नेता शिल्पा रवि रेड्डी का समर्थन किया था, जिससे परिवार में तनाव बढ़ा था। इस पर पवन कल्याण के समर्थकों का कहना है कि अगर अल्लू अर्जुन ने मामले में मदद की गुहार लगाई होती, तो यह विवाद नहीं बढ़ता।

दिल्ली में प्रशांत किशोर से मुलाकात और राजनीति में कद: दिल्ली में अल्लू अर्जुन की राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मुलाकात ने भी राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाई है। हालांकि, अल्लू ने राजनीति में शामिल होने की अफवाहों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि वह केवल अपनी फिल्म के प्रचार में व्यस्त हैं।

पुलिस और अदालत का रुख: गुरुवार को अल्लू अर्जुन ने अपनी गलती मानी और मामले पर स्पष्टीकरण दिया। हालांकि, जब तक वह स्थिति को समझ पाते, मामला कोर्ट तक पहुंच चुका था। अब सभी की नजरें उच्च न्यायालय के फैसले पर हैं।

निष्कर्ष: अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी और पवन कल्याण के परिवार में बढ़ी नाराजगी ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या यह घटना केवल एक फिल्म प्रमोशन की गलती थी या फिर एक गहरे राजनीतिक संघर्ष का हिस्सा है? अब देखना होगा कि इस विवाद का हल कैसे निकलता है।

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