आज की घटना ने मुझे यह सिखाया कि हमारी माँएं कितनी समझदार और चतुर होती हैं। यह कहानी हमें यह समझाने में मदद करेगी कि माँ केवल भोली नहीं होतीं, बल्कि परिवार की सबसे बड़ी रक्षक भी होती हैं।
एक दिन, मेरी माँ ने अचानक एक अज्ञात नंबर से कॉल उठाया। कॉलर एक युवा लड़का था जो माँ से डेबिट कार्ड की जानकारी मांग रहा था। जैसे ही माँ ने पूछा कि क्या वह बैंक से बोल रहे हैं, मैंने घबराकर चिल्लाया, “माँ, ये घोटाला है! तुरंत फ़ोन बंद करो!” लेकिन माँ ने मुझे शांत रहने का इशारा किया और कॉलर से शांति से बात करने लगीं।
कॉलर ने माँ से कार्ड नंबर, एक्सपायरी डेट और सीवीवी मांगा। मैं डर के मारे और चिल्लाया, “माँ, ये धोखा है!” लेकिन माँ मुस्कुराते हुए उसकी बातें सुनती रहीं और सारी जानकारी दे दी। मेरा दिल घबराहट से भर गया था। मुझे लगा कि अब कुछ बुरा होने वाला है।
फिर कॉलर ने ओटीपी मांगा। माँ ने कहा, “बेटा, अभी ओटीपी नहीं आया। एक बार और कोशिश करो!” कॉलर ने फिर से प्रयास किया, लेकिन ओटीपी नहीं आया। माँ ने उसे फिर से कहा, “बेटा, एक और प्रयास करो। मैं नहीं चाहती कि मेरा खाता बंद हो जाए। तुम बहुत मददगार लग रहे हो!”
मेरे मन में घबराहट और उलझन थी कि माँ उसकी इतनी बात क्यों मान रही हैं। लेकिन तभी माँ ने हंसते हुए कहा, “बेटा, तेरे जितने दो जमूरों को मैंने पालकर बड़ा किया है। मैं भले ही 10वीं पास हूं, लेकिन बेवकूफ बिल्कुल नहीं हूँ!”
यह सुनते ही कॉलर हड़बड़ाया और बोला, “सॉरी, आंटी,” और तुरंत फोन काट दिया।
इस घटना से हमें यह सीखने को मिलता है कि जो माँएं हमें भोली और मासूम लगती हैं, वे जीवन के अनुभवों से परिपूर्ण होती हैं। उन्होंने हमें बचपन से पाला है और हर संकट का सामना करना सिखाया है। अगर कोई उन्हें धोखा देने की कोशिश करता है, तो वे उसे समझदारी से जवाब दे सकती हैं। यह घटना हमें सिखाती है कि कभी भी किसी की सतही छवि को कम मत समझो। माँ की समझदारी और अनुभव ही परिवार की सबसे बड़ी सुरक्षा होते हैं।