चीन की एआई क्रांति ने अमेरिकी टेक दिग्गजों को चौंका दिया
चीन के एआई स्टार्टअप डीपसीक ने एक सस्ता एआई मॉडल पेश किया है, जिसने अमेरिकी शेयर बाजार में हलचल मचा दी है। सोमवार को एनवीडिया कॉर्प, जो दुनिया की प्रमुख चिप निर्माता कंपनी है, के शेयरों में इतनी गिरावट आई कि कंपनी की बाजार वैल्यू 600 बिलियन डॉलर घट गई। इस चीनी एआई के खतरे को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे “खतरे की घंटी” बताते हुए अमेरिकी टेक कंपनियों को चेतावनी दी है।
एनवीडिया का बाजार पूंजीकरण ऐतिहासिक निचले स्तर पर
एनवीडिया, जो अब तक एआई के क्षेत्र में अग्रणी थी, अब डीपसीक के उभरते हुए एआई मॉडल से चुनौती का सामना कर रही है। सोमवार को अमेरिकी शेयर बाजार खुलते ही एनवीडिया के शेयरों में इतनी गिरावट आई कि निवेशक हैरान रह गए। यह गिरावट कंपनी के इतिहास में सबसे बड़ी गिरावट है, जिससे पूरी दुनिया की टेक कंपनियों में हलचल मच गई है।
डीपसीक क्या है?
- यह चीन का एक उन्नत एआई मॉडल है।
- इसे हांग्जो स्थित डीपसीक शोध प्रयोगशाला द्वारा विकसित किया गया है, जो चीन की सिलिकॉन वैली के नाम से प्रसिद्ध है।
- डीपसीक के संस्थापक लियांग वेनफ़ेंग हैं, जो एक प्रसिद्ध चीनी एआई इंजीनियर हैं।
- यह एआई मॉडल अब चैटजीपीटी जैसे लोकप्रिय मॉडलों को टक्कर दे रहा है।
डीपसीक क्यों है एक गेम-चेंजर?
डीपसीक ने एआई को अधिक किफायती बना दिया है। कंपनी का दावा है कि उनका एआई मॉडल कम कीमत वाले चिप्स और डेटा के उपयोग से काम करता है। डीपसीक-वी3 मॉडल का निर्माण केवल 5.6 मिलियन डॉलर में हुआ, जो कि ओपनएआई, गूगल, और मेटा द्वारा अपने एआई मॉडल पर खर्च किए गए धन से कहीं कम है।
एनवीडिया के शेयरों में 13 प्रतिशत की गिरावट
रिपोर्टों के अनुसार, एनवीडिया के शेयरों में 13 प्रतिशत की गिरावट आई है, जिससे कंपनी की बाजार वैल्यू में 465 अरब डॉलर की कमी आई है। इस गिरावट का मुख्य कारण डीपसीक द्वारा सस्ते और बेहतर एआई मॉडल की पेशकश को माना जा रहा है। यह तब हुआ जब अमेरिका ने चीन को उन्नत सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
वैश्विक टेक कंपनियों के लिए एक बड़ी चुनौती
डीपसीक का एआई असिस्टेंट अब चैटजीपीटी को पीछे छोड़कर अमेरिकी एप्पल ऐप स्टोर पर नंबर 1 पर पहुंच गया है। अब एनवीडिया जैसी बड़ी टेक कंपनियों के लिए नए और सस्ते एआई मॉडल के साथ प्रतिस्पर्धा करना एक बड़ी चुनौती बन गया है। साथ ही, भारत में भी एआई संचालित डेटा सेंटर पर काम चल रहा है, जो इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को और तेज करेगा।