सूरत: गुजरात सरकार द्वारा नई जंत्री दरों की घोषणा ने राज्यभर के रियल एस्टेट बाजार में हलचल मचा दी है। इन दरों में 50% से लेकर 8000% तक की वृद्धि हुई है, जिससे वेसु, अलथान, पाल और आभा जैसे इलाकों में निर्माण लागत में 140% से 418% तक का इजाफा होगा। इसके परिणामस्वरूप फ्लैट्स की कीमतें 30-40% तक बढ़ सकती हैं। बिल्डर्स और खरीदार, दोनों के लिए यह स्थिति गंभीर चिंता का विषय बन गई है।
किन इलाकों में कितनी बढ़ोतरी?
सरकार की नई जंत्री दरें सभी प्रमुख क्षेत्रों में जमीन की कीमतों को प्रभावित कर रही हैं।
- वेसु (टीपी 75): निर्माण लागत 140% बढ़कर ₹26,500 प्रति वर्ग मीटर से ₹90,000 हो गई।
- अलथान (टीपी 65): 141% वृद्धि, दर ₹28,500 से बढ़कर ₹1,10,000।
- पाल (टीपी 93): 136% की बढ़ोतरी, ₹11,250 से ₹36,923।
- आभा (टीपी 26): सबसे अधिक 418% की वृद्धि, ₹8,000 से ₹54,346।
महंगे फ्लैट्स और बढ़ी हुई लागत
नई जंत्री दरों का असर केवल जमीन की कीमतों पर ही नहीं, बल्कि स्टांप ड्यूटी, एफएसआई शुल्क और जीएसटी जैसे अन्य खर्चों पर भी पड़ेगा।
- उदाहरण:
- वेसु में: कुल निर्माण लागत ₹415 से बढ़कर ₹994 प्रति वर्ग फुट।
- आभा में: यह लागत ₹101 से ₹529 तक हो गई।
बढ़ी हुई लागत का सीधा असर मकानों की कीमतों पर पड़ेगा, जिससे वे मध्यमवर्गीय खरीदारों की पहुंच से बाहर हो सकते हैं।
बिल्डर्स की बढ़ी चिंता, विरोध की तैयारी
बिल्डर्स और रियल एस्टेट डेवलपर्स इस फैसले को लेकर बेहद चिंतित हैं। क्रेडाई (कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) ने राज्य सरकार से नई जंत्री दरों पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
- जिग्नेश पटेल (अध्यक्ष, क्रेडाई):
“नई जंत्री दरें जमीन की कीमतों को असामान्य रूप से बढ़ा रही हैं। सरकार को विशेषज्ञों से पुनः सर्वेक्षण करवाना चाहिए।” - संजय मंगेकिया (चेयरमैन, क्रेडाई):
“निर्माण लागत में यह वृद्धि सीधे खरीदारों पर बोझ डालेगी। यदि ग्राहक इसका खर्च वहन नहीं कर पाते हैं, तो निर्माण उद्योग ठप हो सकता है।”
सरकार से गुहार और संभावित कार्रवाई
बिल्डर्स का कहना है कि नई दरों से पहले ही आर्थिक दबाव का सामना कर रहे निर्माण उद्योग पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
- क्रेडाई ने इस मुद्दे को कलेक्टर के सामने उठाने की योजना बनाई है।
- यदि समाधान नहीं निकला, तो बिल्डर्स कोर्ट का सहारा लेंगे।
- ऑनलाइन आपत्ति दर्ज करने की प्रक्रिया को भी सरल और सर्वर समस्याओं से मुक्त करने की मांग की गई है।
खरीदारों पर पड़ेगा सीधा असर
बढ़ी हुई जंत्री दरों का असर न केवल बिल्डर्स पर बल्कि घर खरीदने वालों पर भी पड़ेगा। उच्च स्टांप ड्यूटी और महंगी एफएसआई के कारण, मकान की कुल कीमतें बढ़ेंगी। मध्यम वर्गीय और पहली बार घर खरीदने वाले परिवारों के लिए यह बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है।
निष्कर्ष
सूरत समेत पूरे गुजरात में नई जंत्री दरों से रियल एस्टेट उद्योग को झटका लगा है। बिल्डर्स और खरीदार दोनों सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार की अपील कर रहे हैं। यदि जंत्री दरों में सुधार नहीं किया गया, तो इसका व्यापक असर रियल एस्टेट बाजार की स्थिरता पर पड़ सकता है।