भारत की पहली ऑन ड्यूटी शहीद होने वाली महिला अफसर, लेफ्टिनेंट किरण शेखावत, ने मात्र 27 साल की उम्र में देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उनकी वीरता, समर्पण और साहस ने पूरे देश को गर्व से भर दिया है।
लेफ्टिनेंट किरण शेखावत भारतीय नौसेना में एक प्रतिभाशाली अधिकारी थीं। उनका जन्म राजस्थान के एक छोटे से गांव में हुआ था, लेकिन उनके सपने बड़े थे। वे हमेशा से ही देश की सेवा करना चाहती थीं और इस सपने को साकार करने के लिए उन्होंने भारतीय नौसेना में शामिल होने का निश्चय किया।
24 मार्च 2015 को, लेफ्टिनेंट किरण शेखावत एक मिशन पर थीं, जब उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी। उनके शहादत ने देश को हिला कर रख दिया, लेकिन उनकी वीरता और समर्पण ने हर भारतीय के दिल में उनकी अमर छवि छोड़ दी।
सच्चे देशभक्त की श्रद्धांजलि
लेफ्टिनेंट किरण शेखावत की शहादत ने यह साबित कर दिया कि देश की सेवा में कोई भी बलिदान छोटा नहीं होता। उनकी इस वीरता को सलाम करते हुए, हमें उनके बलिदान को हमेशा याद रखना चाहिए और उनके परिवार को सम्मान देना चाहिए।
किरण शेखावत की कहानी हर भारतीय के लिए प्रेरणा है। उनकी वीरता और समर्पण हमें यह सिखाता है कि देश की सेवा में किसी भी तरह की कठिनाई का सामना किया जा सकता है। वे हर महिला और पुरुष के लिए एक आदर्श हैं, जो अपने देश के लिए कुछ करने का सपना देखते हैं।
जय हिंद! 🇮🇳
किरण शेखावत की इस वीरता और बलिदान को सलाम करते हुए, आइए हम सभी उनके सम्मान में ‘जय हिंद’ लिखें और उनकी वीरता को नमन करें।