एक नगर में एक बहुत ही अमीर आदमी रहता था। उस आदमी ने अपना सारा जीवन पैसे कमाने में लगा दिया। उसकी संपत्ति इतनी अधिक थी कि वह पूरे शहर को खरीद सकता था। बावजूद इसके, उसने कभी किसी की मदद नहीं की। यहां तक कि उसने अपनी सुख-सुविधाओं के लिए भी अपनी संपत्ति का उपयोग नहीं किया। न उसने अच्छे कपड़े पहने, न स्वादिष्ट भोजन खाया, और न ही अपनी कोई इच्छा पूरी की। वह केवल अपने जीवन में पैसे कमाने में व्यस्त रहा।
पैसे कमाने की धुन में वह अपनी उम्र का भी ध्यान नहीं रख पाया और जीवन के आखिरी पड़ाव पर पहुंच गया। फिर वह दिन भी आ गया जब यमराज उसके प्राण लेने धरती पर आए। यमराज को देखकर वह व्यक्ति बहुत डर गया।
यमराज ने कहा, “तुम्हारे जीवन का समय पूरा हो चुका है और मैं तुम्हें अपने साथ ले जाने आया हूं।”
यह सुनकर वह व्यक्ति बोला, “प्रभु, मैंने तो अभी तक अपना जीवन जिया ही नहीं है। मैं तो बस काम में ही व्यस्त रहा हूं। मुझे मेरी कमाई का आनंद लेने का समय चाहिए।”
यमराज ने कहा, “मैं तुम्हें और समय नहीं दे सकता। तुम्हारे जीवन के दिन पूरे हो चुके हैं और अब इसे बढ़ाया नहीं जा सकता।”
व्यक्ति बोला, “प्रभु, मेरे पास बहुत पैसा है। आप चाहे तो आधा धन लेकर मुझे एक और साल दे दीजिए।”
यमराज ने फिर मना कर दिया।
व्यक्ति ने कहा, “आप मेरा 90% धन लेकर मुझे एक महीने का समय दे दीजिए।”
यमराज ने फिर से इंकार कर दिया।
व्यक्ति ने आखिरी बार कहा, “आप मेरा सारा धन ले लीजिए और मुझे बस एक घंटा दे दीजिए।”
यमराज ने समझाया, “बीता हुआ समय पैसे से वापस नहीं खरीदा जा सकता।”LifeLessons
इस प्रकार जिस व्यक्ति को अपने धन पर गर्व था, उसे उसकी असलियत समझ में आई। उसने अपना पूरा जीवन उस चीज को कमाने में बर्बाद कर दिया जो उसे जिंदगी का एक घंटा भी नहीं दे सकी। दुखी मन से वह अपनी मौत के लिए तैयार हो गया।
इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि जिसने अपने पूरे जीवन को धन कमाने में बिता दिया, वह भी अपनी दौलत से एक पल का समय नहीं खरीद सका। जीवन ईश्वर का दिया हुआ अनमोल उपहार है, जिसे पैसे से नहीं खरीदा जा सकता। इसलिए जीवन के हर क्षण का आनंद लें और उसे पूरी तरह जिएं। दोस्तों, आपको क्या लगता है कि जीवन में सर्वोपरि क्या है? अपने परिवार जनों और दोस्तों के साथ समय बिताना? कमेंट करके हमें जरूर बताएं।