बेटे की मौत और इच्छामृत्यु: अशोक राणा और निर्मला राणा के लिए उनके 11 साल के बेटे की मौत की दर्दनाक पीड़ा असंवेदनशील है। उन्होंने एक बार भरोसा किया था कि उनका बेटा ठीक हो जाएगा, लेकिन वक्त बीतता गया और वह सपना कभी पूरा नहीं हुआ। हरीश बिस्तर पर हैं, बिना किसी सहारे के और उन्हें कुछ महसूस नहीं हो सकता है। इस कठिन स्थिति में, उनकी इच्छा अनुसार बेटे को अंतिम समाधान नहीं मिल सका। उनका हाई कोर्ट में यात्रा भी विफल रही, जहां उन्हें इच्छामृत्यु की अनुमति नहीं मिली।

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