शिमला में निर्माणाधीन संजौली मस्जिद की वैधता को लेकर चल रहे विवाद के बीच, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि राज्य सरकार का किसी भी समुदाय को परेशान करने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने एएनआई से बातचीत करते हुए कहा, “हमारा किसी भी समुदाय को परेशान करने का कोई इरादा नहीं है। हम राज्य में किसी भी प्रकार की घटना को होने नहीं देंगे। राजनीतिक विरोध प्रदर्शन होते रहते हैं, लेकिन किसी भी राजनीतिक कार्यकर्ता को कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने का अधिकार नहीं है। हमारे स्थानीय विधायक और मंत्री वहां जाकर क्षेत्र के लोगों से बातचीत कर रहे हैं।”
मुख्यमंत्री सुखू ने असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कानून को अपने हाथ में लेने की किसी को भी अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, “संविधान के अनुसार, कोई भी भारत में कहीं भी रह सकता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी समुदाय का कोई भी व्यक्ति परेशान न हो। हम इस जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी से निभाएंगे।”
इस बीच, हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पहले भी विधानसभा में चर्चा हो चुकी है और 2010 में इस मामले को लेकर मामला दर्ज किया गया था, लेकिन इसमें कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा, “मैं कहूंगा कि लोगों को शांति बनाए रखनी चाहिए और इस संदर्भ में वर्तमान सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है।”
इस विवाद ने कांग्रेस और भाजपा के बीच वाकयुद्ध को जन्म दे दिया है और इस पर राज्य की राजनीति में तनाव बढ़ गया है।