दोस्तों, कुछ फैसले हालातों से मजबूर होकर लिए जाते हैं, जिन्हें समझने के लिए धैर्य और सच्चाई तक पहुंचने की जरूरत होती है!
एक शादीशुदा जोड़ा अपने सेकंड हनीमून पर क्रूज टूर के लिए निकला। बच्चों को घर पर छोड़ कर, वे इस सफर का आनंद लेने चले गए थे। लेकिन उनकी किस्मत में कुछ और ही लिखा था। खराब मौसम और तूफान के चलते क्रूज शिप डूबने लगी।
सभी यात्री अपनी जान बचाने के लिए लाइफबोट की ओर भागे। लेकिन वहां केवल एक ही जगह बची थी। पति ने अपनी पत्नी को वहीं छोड़कर, अपनी जान बचाने के लिए उस जगह को ले लिया। पत्नी डूबते शिप पर खड़ी, अपने पति को जाते हुए देख रही थी। उसने चिल्लाकर कहा:
“हमारे बच्चों का ध्यान रखना!”
**शिक्षक ने यह कहानी अपनी कक्षा में सुनाई और विद्यार्थियों से पूछा, “क्या तुम अनुमान लगा सकते हो, पत्नी ने अपने पति से क्या कहा होगा?”
अधिकतर बच्चों ने सोचा कि पत्नी ने अपने पति को धोखा देने के लिए बुरा-भला कहा होगा। लेकिन एक शांत बच्चे ने जवाब दिया, “मुझे लगता है कि उसने कहा होगा – हमारे बच्चों का ध्यान रखना।”
शिक्षक ने कहानी को आगे बढ़ाते हुए बताया कि पति ने अपनी पत्नी को खो दिया और बच्चों को अकेले ही पाल-पोस कर बड़ा किया।
कई साल बाद, उसकी बेटी को पिता की डायरी मिली, जिसमें उसने लिखा था कि उसकी मां को कैंसर था और इसलिए उन्होंने आखिरी समय साथ बिताने का फैसला किया था। पिता ने अपनी पत्नी के कहने पर, बच्चों के लिए जीने का फैसला किया था।
यह सच जानने के बाद, बेटी फूट-फूट कर रो पड़ी।
दोस्तों, इस कहानी से यह सीख मिलती है कि किसी भी परिस्थिति का सही फैसला बिना सच्चाई जाने नहीं किया जा सकता। जल्दबाजी में किए गए फैसले अक्सर गलत होते हैं।
कभी-कभी हालात इंसान को मजबूर कर देते हैं, लेकिन उनकी नीयत समझने के लिए हमें उनकी कहानी के पीछे छिपी सच्चाई को जानने की कोशिश करनी चाहिए।