नई दिल्ली, 21 जनवरी, 2025: विश्व की अग्रणी कंज्यूमर हेल्थ और हाइजीन कंपनी रेकिट ने गुजरात में “सेल्फ-केयर फॉर न्यू मॉम्स एंड किड्स अंडर फाइव” कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीण स्वास्थ्य सुधारने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इस पहल के तहत, भावनगर जिले के पालिताणा ब्लॉक के नानी राजस्थानली गांव में एक नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में ORS और जिंक कॉर्नर स्थापित किया गया है। यह पहल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के उद्देश्यों के अनुरूप है भी है और डायरिया से संबंधित मृत्यु दर को कम करने और स्वस्थ समुदाय विकसित करने के प्रति रेकिट की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
बच्चों में डायरिया अभी भी मृत्यु का एक प्रमुख कारण बना हुआ है, हालांकि इसे सही संसाधनों और उपायों के माध्यम से रोका जा सकता है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के अनुसार, गुजरात में सर्वेक्षण से पहले के दो हफ्तों में पाँच वर्ष से कम आयु के 8% बच्चों को डायरिया हुआ था। हालांकि ORS की जागरूकता दर 93% थी, लेकिन केवल 67% बच्चों को ही ORS मिला और मात्र 35% बच्चों को जिंक दिया गया। आश्चर्यजनक रूप से, 14% बच्चों को कोई भी इलाज नहीं मिला। रेकिट की यह पहल इस कमी को पूरा करने के लिए ORS और जिंक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ समुदाय-आधारित स्वास्थ्य सुधार पर ध्यान केंद्रित करती है, जिससे समय पर उपचार मिल सके और वंचित समुदायों में डायरिया का प्रभाव कम किया जा सके।
डिटॉल, एक विश्वसनीय ब्रांड के रूप में, लंबे समय से हाथ धोने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यरत है। ‘सेल्फ-केयर फॉर न्यू मॉम्स एंड किड्स अंडर फाइव’ कार्यक्रम के माध्यम से, डिटॉल कई प्रभावी रणनीतियों के माध्यम से स्वच्छता शिक्षा पर जोर दे रहा है। इस कार्यक्रम में हेल्थकेर वर्कर्स और बच्चों को 20 सेकंड तक हाथ धोने के महत्व के बारे में शिक्षित किया जाता है। यह कार्यक्रम डिटॉल के नेतृत्व में हाइजीन कॉर्नर्स के माध्यम से ORS और जिंक की उपलब्धता बढ़ाने के लिए भी कार्यरत है।
नानी राजस्थानली PHC में आयोजित उद्घाटन समारोह में माननीय श्रीमती निमूबेन जयंतीभाई बंभनिया, केंद्रीय राज्य मंत्री (उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण) और भावनगर की सांसद उपस्थित रहीं। इसके अलावा, गुजरात और भावनगर जिले के गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया, जिनमें श्री भीखाभाई भरतभाई झालोदरा (विधायक) और श्री महेंद्रसिंह सरवैया (विधायक), श्रीमती रैयाबेन मुलजीभाई मायाणी (जिला पंचायत अध्यक्ष, भावनगर), और श्री जिगरभाई वाघेला (तालुका पंचायत प्रमुख, पालिताणा) शामिल थे। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. के.एम. सोलंकी (RCHO), श्री अमितभाई राज्यगुरु (जिला IEC अधिकारी), डॉ. दीपक मकवाणा (THO, पालिताणा) आदि भी उपस्थित रहे।
माननीय श्रीमती निमूबेन जयंतीभाई बंभनिया ने ‘सेल्फ-केयर’ कार्यक्रम की सराहना करते हुए इस अभियान के और अधिक विस्तार की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए इस प्रकार के प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया और सामुदायिक स्वास्थ्य सुधार में डायरिया किट के प्रभाव को रेखांकित किया।
इस अवसर पर निदेशक, एक्सटर्नल अफेयर्स एंड पार्टनरशिप्स, SOA, Reckitt,रवि भटनागर ने कहा: “रेकिट में, हम विशेष रूप से बाल स्वास्थ्य के लिए हेल्थ केर सिस्टम्स में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं । ORS और जिंक कॉर्नर पहल हमारी इस प्रतिबद्धता का एक हिस्सा है, जो नई माताओं को हेल्थकेर के लिए आवश्यक साधन और ज्ञान प्रदान करने के लिए बनाई गई है। डायरिया अभी भी ग्रामीण भारत में एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। डिटॉल को स्वच्छता भागीदार के रूप जोड़कर हम उससे लड़ सकते हैं। इस कार्यक्रम के लिए हमें गुजरात सरकार के साथ जुड़ने पर गर्व है। हम साथ मिलकर चुनौतियों को अवसर के रूप में बदलकर दीर्घकालीन बदलाव ला सकते हैं।
ORS और जिंक कॉर्नर बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करते हैं। स्वच्छता शिक्षा के साथ ORS और जिंक की उपलब्धता को एकीकृत करके, हेल्थकेर वर्कर्स और बच्चों को संक्रमण को रोकने में सक्षम बनाती है। डिटॉल हाइजीन कॉर्नर्स के माध्यम से, गंभीर मामलों को तुरंत संभाला जाता है, जिससे बच्चों में डायरिया के पुनरावृत्ति के दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभावों को कम करने में काफी मदद मिलती है।
इस कार्यक्रम के तहत SAANS (Social Awareness and Action to Neutralize Pneumonia Successfully) अभियान के अंतर्गत न्यूमोनिया जागरूकता पतंगें भी लॉन्च की गईं। ये पतंगें स्वास्थ्य कर्मियों और समुदाय के सदस्यों के लिए न्यूमोनिया रोकथाम संदेश प्रदान करती हैं, जिससे स्वास्थ्य शिक्षा के लिए एक दिलचस्प और नवीन दृष्टिकोण मिला है। इस पहल की सभी वर्गो की तरफ से प्रशंसा हुई।
जरूरी हेल्थकेर इन्टरवेन्शन्स को एकीकृत करते हुए, ‘सेल्फ-केयर फॉर न्यू मॉम्स एंड किड्स अंडर फाइव’ कार्यक्रम डायरिया और न्यूमोनिया जैसी प्रमुख स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के सहयोग से, यह कार्यक्रम माताओं और बच्चों के लिए एक स्वस्थ भविष्य बनाने की दिशा में कार्यरत है और समुदायों को स्वास्थ्य के प्रति सक्रिय बनने के लिए सशक्त बनाता है।