21 अगस्त को कोलकाता में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले को लेकर भारी विरोध प्रदर्शन जारी रहा। इस घटना के खिलाफ डॉक्टरों, छात्रों और विभिन्न समुदायों के लोगों ने सड़कों पर उतरकर अपना विरोध व्यक्त किया। प्रदर्शनकारियों ने तख्तियाँ थामकर और नारे लगाते हुए पीड़िता के लिए न्याय की मांग की।
यह मामला 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में घटित हुआ था, जब एक पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर को मृत पाया गया था। घटना के बाद से ही इस मामले की सीबीआई द्वारा जांच की जा रही है, और यह प्रकरण कोलकाता और पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है।
प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर कड़े नारे लगाए और न्याय के लिए एकजुटता दिखाई। उनका कहना है कि यह केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे समाज की सुरक्षा और न्याय का मामला है। वे चाहते हैं कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
इस मामले ने अस्पताल और मेडिकल समुदाय के बीच गहरा आक्रोश पैदा किया है, और उन्होंने पीड़िता के परिवार के प्रति एकजुटता प्रकट की है। सीबीआई जांच की प्रगति पर सभी की नजरें टिकी हैं, और लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही न्याय मिलेगा।
इस घटना ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है और इसने यह संदेश दिया है कि महिलाओं और युवाओं की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।