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स्वस्थ जीवन की ओर एक कदम: व्हाइट लोटस में पोषण सत्र

व्हाइट लोटस इंटरनेशनल स्कूल हमेशा से ही छात्रों के सर्वांगीण विकास में विश्वास रखता है — जहाँ केवल अकादमिक शिक्षा नहीं, बल्कि एक स्वस्थ जीवनशैली की समझ भी बच्चों को दी जाती है। इसी उद्देश्य को आगे बढ़ाते हुए, विद्यालय ने 15 जुलाई 2025 को एक बेहद ज्ञानवर्धक और जागरूकता से भरपूर सत्र का आयोजन किया, जिसका विषय था “स्वस्थ भोजन की आदतें एवं नियमित आहार में चीनी की मात्रा को सीमित करना।” इस सत्र की मुख्य अतिथि रहीं प्रसिद्ध पोषण विशेषज्ञ और बाल स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. पूजा अरोड़ा, जिनकी विशेषज्ञता और सरल शैली ने विद्यार्थियों को गहराई से प्रभावित किया। सत्र की शुरुआत एक सकारात्मक और उत्साही माहौल में हुई, जहाँ डॉ. अरोड़ा ने संतुलित आहार के महत्व को विस्तार से समझाया — जिसमें ताजे फल, हरी सब्ज़ियाँ, साबुत अनाज, प्रोटीन और पर्याप्त मात्रा में पानी शामिल हो।

इसके बाद उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर ज़ोर दिया कि किस प्रकार आज के बच्चों की दिनचर्या में अत्यधिक चीनी का सेवन एक गंभीर समस्या बन चुका है। उन्होंने छात्रों को यह समझाया कि पैक्ड स्नैक्स, मीठे पेय पदार्थ, स्वादयुक्त योगर्ट और ब्रेकफास्ट सीरियल्स जैसे उत्पादों में कितनी मात्रा में छुपी हुई चीनी पाई जाती है, जिसे हम अनजाने में रोज़ाना ग्रहण कर लेते हैं। छात्रों को यह जानकर आश्चर्य हुआ कि एक सॉफ्ट ड्रिंक या एक चॉकलेट बार में ही उनकी पूरी दिन की चीनी की आवश्यकता से अधिक मात्रा होती है। डॉ. अरोड़ा ने सरल उदाहरणों और आकर्षक तथ्यों के माध्यम से बताया कि अत्यधिक चीनी न केवल मोटापे, थकावट और एकाग्रता में कमी जैसी समस्याएँ उत्पन्न करती है, बल्कि भविष्य में मधुमेह और हृदय रोग जैसे गंभीर रोगों का कारण भी बन सकती है।

सत्र को रोचक और सहभागी बनाते हुए उन्होंने छात्रों से उनके खाने की आदतों पर चर्चा की, सवाल-जवाब किए, और व्यवहारिक सुझाव भी दिए — जैसे कि शक्कर युक्त पेय की जगह नारियल पानी या नींबू पानी का सेवन, मिठाइयों की जगह फलों को प्राथमिकता देना, और बाजार में मिलने वाले स्नैक्स की जगह घर के बने पौष्टिक विकल्प अपनाना। उन्होंने यह भी प्रेरित किया कि छात्र केवल खुद ही नहीं, बल्कि अपने परिवार में भी स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने का कार्य करें। सत्र के अंत में विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती पूर्विका सोलंकी ने डॉ. अरोड़ा का आभार व्यक्त किया और कहा कि “सच्ची शिक्षा केवल किताबों में नहीं, बल्कि जीवन जीने के सही तरीकों को समझने में होती है — और स्वस्थ भोजन की आदतें जीवन की सबसे जरूरी सीखों में से एक हैं।” प्रश्नोत्तर सत्र में बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और कई विचारशील प्रश्न पूछे, जिनका उत्तर डॉ. अरोड़ा ने सहज और प्रेरणात्मक ढंग से दिया। यह सत्र न केवल जानकारीपूर्ण रहा, बल्कि विद्यार्थियों के मन में अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना भी उत्पन्न हुई।

व्हाइट लोटस इंटरनेशनल स्कूल इस तरह के आयोजनों के माध्यम से अपने विद्यार्थियों को न केवल शैक्षणिक रूप से सक्षम, बल्कि स्वस्थ, जागरूक और संतुलित जीवन जीने वाले नागरिक के रूप में तैयार करने की दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है।

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