Jansansar
लाइफस्टाइल

नीलम सक्सेना चंद्रा – लेखन की दुनिया में एक और कदम

लोकप्रिय भारतीय कवी और लेखक, नीलम सक्सेना चंद्रा ने अपने नए काव्य संग्रह “परिंदों सा लिबास” के प्रकाशन के साथ अपनी कीर्ति की दिशा में एक और कदम उठाया है| इनकी कवितायें यूँ भी कई भारतीय ही नहीं, विश्व में भी सुनी जाती हैं और पढ़ी जाती हैं, और आप अपनी हर नयी पुस्तक के साथ साहित्य के क्षेत्र में अपना नाम और भी रोशन करती जाती हैं|

नीलम एक द्विभाषी कवी और लेखक हैं, और अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं में इनकी अच्छी पकड़ है| यह लिखती भी कई विधाओं में हैं – कविता, उपन्यास, कहानियाँ, बच्चों की कहानियाँ इत्यादि| इनके बारे में यदि बताया जाए तो यह एक रेलवे ऑफिसर हैं और विद्युत् अभियंता हैं| उनके ही शब्दों में, “मुझे लेखन कार्य करने की ऊर्जा देता है!” आप बड़े ही साधारण शब्दों में आसपास की घटनाओं से प्रेरित होकर कविता और कहानियों को लिखती हैं| शायद यही वजह है कि इनकी कवितायें और कहानियाँ इतनी लोकप्रिय हैं|

नीलम अभी तक चौहत्तर पुस्तकें लिख चुकी हैं| इनकी लिखने की प्रेरणास्त्रोत इनकी माँ थीं जिनसे इन्हें जिंदगी की भी उर्जा मिलती थी| इनमें पुस्तकों में से कई पुस्तकें बेस्ट-सेलर लिस्ट में पहुँच चुकी हैं व सराही जा चुकी हैं| इनकी बच्चों की कहानियाँ भी बहुत सराही जाती हैं और इनकी एक चित्रकथा का करीब छह भाषा में भाषांतरण किया गया है|

राष्ट्रीय स्तर पर तो नीलम ने कई पुरस्कार हासिल किये ही हैं जिसमें अमेरिकन एम्बस्सी और आरुषी द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में गुलज़ार साहब द्वारा पुरस्कार, महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य समिति द्वारा पुरस्कार, चिल्ड्रेन बुक ट्रस्ट द्वारा पुरस्कार, रेल मंत्रालय द्वारा प्रेमचंद पुरस्कार आदि शामिल हैं| नीलम को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर भी कई पुरस्कार हासिल हुए हैं जैसे नेशनल अलायन्स ऑफ़ मेंटल हेल्थ, अमेरिका द्वारा काव्य प्रतियोगिता में पुरस्कार, ज्हेंग निआन कप, रुएल अंतराष्टीय लाइफ टाइम पुरस्कार इत्यादि| आपके नाम पर लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में तीन बार रिकॉर्ड दर्ज हैं| फोर्ब्स ने भी २०१४ में ७८ लोकप्रिय लेखकों की सूची में आपको शामिल किया था|

नीलम के नए काव्य-संग्रह का नाम है “परिंदों सा लिबास” जिसमें हिन्दुस्तानी भाषा में ५० कवितायें हैं| जब नीलम से पूछा गया कि यह काव्य संग्रह किस विषय पर आधारित है, तो उन्होंने कहा, “आदमी के पैदा होते ही, उसे न जाने कौन-कौन सी दीवारों में बंद कर दिया जाता है! पर उसे यूँ बाँधने वाले यह भूल जाते हैं कि आदमी के जिस्म को ही बाँधा जा सकता है, रूह को नहीं! रूह तो आज़ाद होती है! रूह तो मानो परिंदों के लिबास में आती है, और वो उड़ना ही जानती है| और उसकी उड़ान की दिशा भी तय है – अँधेरों से उजालों की ओर!” काफी दिलचस्प है यह ख़याल, है ना?

नीलम से आगे पूछा गया कि वो क्या ख़ास बात थी जिसने इन्हें यह संग्रह लिखने की प्रेरणा दी, तो उन्होंने कहा, “यह अलग-अलग वक़्त पर घटनाओं पर आधारित कवितायें हैं| कुछ में कोरोना की बेबसी है, कुछ में ख़ुद के दिल में जोश भरने की कोशिश है, कुछ में प्रकृति से सीख है और कुछ किसी और करीबी दोस्त के साथ हो रही बातों को ध्यान में रखते हुए लिखी गयी हैं| ज़्यादातर कवितायें नीलम के द्वारा उनकी पुणे में पोस्टिंग के वक़्त लिखी गयी हैं| ख़ास बात यह है कि नीलम को तस्वीरें खींचने का भी शौक है और ज़्यादातर कविताओं के साथ पुस्तक में छपी हुई तस्वीरें उनके द्वारा खींची हुई हैं|

इस काव्य-संग्रह का कवर पेज डॉ रेणु मिश्रा की पेंटिंग पर आधारित है| इस पुस्तक को प्रकाशित किया है ऑथर्स प्रेस पब्लिशिंग हाउस, नई दिल्ली ने|

नीलम सक्सेना चंद्रा के काव्य-संग्रह का विमोचन गोदरेज डांस थिएटर, नेशनल सेंटर फॉर परफोर्मिंग आर्ट्स, मुंबई में १३ जून को ६:३० पर है| पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम में ख़ास अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे श्री प्रशांत करकरे, निदेशक (लीगल), नेशनल सेंटर फॉर परफोर्मिंग आर्ट्स, श्री शलभ गोएल, प्रेसिडेंट कल्चरल अकादेमी, पश्चिम रेलवे, श्री अशोक बिंदल, जानेमाने लेखक और कवी और श्री सिद्धार्थ देशपांडे, चीफ वित्त अधिकारी, नेशनल सेंटर फॉर परफोर्मिंग आर्ट्स|

नीलम लिटरेरी वारियर ग्रुप नामक साहित्यिक ग्रुप के फाउंडर भी हैं और इस ग्रुप के कवी पूजा धाडीवाल, नागपुर, वहीदा हुसैन, जबलपुर, आशु रात्रा, नागपुर एवं पल्लवी जैन, बाहरेन से ख़ास आ रही हैं एक कवी सम्मलेन के लिए| नई  दिल्ली से श्री सुनील चौधरी, “दीद” लखनवी स्वरचित ग़ज़ल सुनायेंगे और उसके पश्चात नीलम द्वारा लिखित एक लघु नाटिका को माइम के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा| प्रोग्राम का संचालन नेशनल सेंटर फॉर परफोर्मिंग आर्ट्स से सुजाता जाधव करेंगी|

इस प्रोग्राम को देखने के लिए “बुक माय शो” पर बुक किया जा सकता है| प्रवेश निशुल्क है|

 

Related posts

मिस प्रिया की कविताओं ने दिलों को छुआ जेएआई ग्लोबल अवार्ड्स में जीता सर्वोच्च सम्मान

Jansansar News Desk

नेशनल सिल्क एक्सपो में तरह-तरह के डिजाइन के साथ अच्छी क्वालिटी की साड़ी, सूट और कपड़े होंगे उपलब्ध

Jansansar News Desk

हेमगिरी में ‘सुरभि’ को वेदांत एल्युमिनियम का समर्थन 186 स्कूलों से युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन

Jansansar News Desk

लेखक शेर सिंह राजस्थान के पहले अंग्रेजी उपन्यासकार बने

Jansansar News Desk

खुशबू पाठक रूपारेल के तितली डिज़ाइनर स्टूडियो ने नवरात्रि का शानदार सतरंगी कलेक्शन लोन्च किया

Jansansar News Desk

Ravindra Fauzdar: Aam Aadmi Party का नया चेहरा बल्लभगढ़ में

Jansansar News Desk

Leave a Comment