Jansansar
Defeating your husband is not only difficult but also impossible: A funny story
लाइफस्टाइल

पति को हराना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है: एक मजेदार कहानी

एक आदमी ऑफिस से घर आया तो उसकी पत्नी ने कहा, “आज मेरे सिर में दर्द है, मैं खाना नहीं बनाऊंगी। आज हम बाहर खाना खाने जाएंगे।” वह आदमी बहुत थका हुआ था, लेकिन अपनी पत्नी को नाराज़ नहीं करना चाहता था, इसलिए उसने कहा, “ठीक है, चले जाएंगे। तुम तैयार हो जाओ।”
तुरंत ही पत्नी ने फरमान जारी कर दिया, “आज हम किसी बड़े होटल में खाना खाएंगे।” पति ने पत्नी को समझाते हुए कहा, “यह महीने का आखिरी हफ्ता चल रहा है, इसलिए मेरी जेब टाइट है। आज हम छोटे होटल में ही खाना खा लेते हैं, बड़े होटल में किसी और दिन चलेंगे।”
लेकिन पत्नी ने जिद पकड़ ली, वह किसी 5-स्टार होटल में खाना खाना चाहती थी। पति का दिल तो नहीं कर रहा था, लेकिन वह कई दिनों से टालमटोल कर रहा था, इसलिए अपनी पत्नी की खुशी के लिए वह तैयार हो गया। रास्ते में पति को एक युक्ति सूझी। उसने अपनी पत्नी से कहा, “तुम्हें पता है, जब मैं और मेरी बहन गोलगप्पे खाने की प्रतियोगिता करते थे, तो हमेशा मैं ही जीतता था। मुझे गोलगप्पे खाने में कोई हरा नहीं सकता। मैं एक बार में 20 से 25 गोलगप्पे आराम से खा सकता हूँ।”
इस पर पत्नी ने कहा, “यह क्या बड़ी बात है! मैं तो तुमसे ज्यादा गोलगप्पे खा सकती हूँ और इस प्रतियोगिता में तुम्हें हरा भी सकती हूँ। गोलगप्पे खाने में लड़कियों का कोई हाथ पकड़ नहीं सकता।”
पति ने कहा, “ऐसा नहीं हो सकता, मुझे गोलगप्पे खाने के मुकाबले में कोई हरा नहीं सकता।” इस पर पत्नी ने फौरन कहा, “चलो, आज यह मुकाबला हो ही जाए और आज तो मैं आपको पक्का हराकर ही रहूंगी।”
थोड़ी देर बाद पति-पत्नी गोलगप्पे के ठेले पर पहुँचे। 25 गोलगप्पे खाने के बाद पति कहता है, “बस, मुझसे अब और नहीं खाया जाएगा।” पत्नी खुश होते हुए अपना 26वां गोलगप्पा खाती है और कहती है, “आज मैंने इस प्रतियोगिता में आपको हरा ही दिया, मैंने आपसे एक गोलगप्पा ज्यादा खा लिया।”
पति मुस्कुराते हुए कहता है, “चलो, तुम जीत गई, मैं हार मानता हूँ। अब हम खाने के लिए होटल चलते हैं।” पत्नी ने कहा, “मेरा पेट पूरी तरह से भर गया है, अब मैं और कुछ नहीं खा सकती। इसलिए अब हम घर चलेंगे, होटल किसी और दिन चलेंगे।”
पति मन ही मन मुस्कुराते हुए घर की ओर चल देता है। पत्नी सोच रही होती है कि उसने प्रतियोगिता जीत ली है, जबकि वास्तव में जीत पति की हुई थी क्योंकि वह अपनी योजना में सफल हो गया।

Related posts

अलीगढ़ से विश्वपटल तक : अमर सिंह राही व डॉ.अवनीश राही के महाकाव्य की गूँज

Jansansar News Desk

नई दिल्ली में डॉ. आदित्य पतकराव और केंद्रीय मंत्री वि. सोमन्ना की महत्वपूर्ण बैठक – मुरुड स्टेशन विस्तार, घटनांदुर-श्रीगोंदा-दौंड रेलवे प्रोजेक्ट और बीड स्टेशन विकास पर हुई विस्तृत चर्चा

Jansansar News Desk

जोनल रेलवे सदस्य डॉ. आदित्य पतकराव ने की रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से महत्वपूर्ण बैठक

Jansansar News Desk

Animesh Khare Das की नई किताब “Poems and Verses for Kids” लॉन्च

Jansansar News Desk

गीतकार डॉ.अवनीश राही के जन्मदिवस पर उनके साथ एक खास साहित्यिक-यात्रा

Jansansar News Desk

सावन मेले में उमड़ी महिलाओं की भीड़

Ravi Jekar

Leave a Comment