चांदीपुरा वायरस एक रबडोविरिडे परिवार का वायरस है, जिसमें रेबीज वायरस भी शामिल होता है। यह वायरस पहली बार 1965 में महाराष्ट्र के एक गांव, चांदीपुरा, में पहचाना गया था। इसके बाद से इसकी उपस्थिति कई राज्यों में दर्ज की गई है, लेकिन इस बार गुजरात में इसके प्रकोप की मात्रा असामान्य है।
स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने सार्वजनिक स्थानों पर वायरस के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए कठोर उपाय अपनाए हैं। लोगों को बचाव के लिए बच्चों को बाहर निकलने से रोका गया है और वैक्सीनेशन अभियान को भी मजबूती से चलाया जा रहा है।
राज्य सरकार ने बच्चों की सुरक्षा के लिए उचित उपायों की मांग की है, ताकि इस महामारी को नियंत्रित किया जा सके और इससे नुकसान को कम से कम किया जा सके।