अडानी समूह के संस्थापक और अध्यक्ष गौतम अडानी ने 5 सितंबर को जय हिंद कॉलेज के छात्रों को संबोधित करते हुए अपनी शिक्षा पूरी न करने के कारणों के बारे में खुलासा किया। अपने संबोधन में अडानी ने बताया कि उन्होंने 16 साल की उम्र में अपनी पढ़ाई छोड़ने का निर्णय क्यों लिया और मुंबई की ओर बढ़ने का साहसिक कदम उठाया।
गौतम अडानी ने कहा, “मैं सिर्फ 16 साल का था जब मैंने अपनी पहली सीमा तोड़ने का फैसला किया। उस समय, मुझे अपनी शिक्षा छोड़नी पड़ी और एक अज्ञात भविष्य की ओर मुंबई की दिशा में कदम बढ़ाना पड़ा। लोगों ने मुझसे बार-बार पूछा कि मैंने अपनी पढ़ाई क्यों छोड़ी और मुंबई क्यों आया।”
अडानी ने यह भी कहा कि इस प्रश्न का उत्तर हर युवा सपने देखने वाले के दिल में है। उन्होंने बताया, “इसका जवाब उन लोगों के दिल में है जो सीमाओं को बाधाओं के रूप में नहीं, बल्कि चुनौतियों के रूप में देखते हैं। ये चुनौतियाँ उनके साहस और आत्म-विश्वास का परीक्षण करती हैं।”
गौतम अडानी ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि सच्ची सफलता केवल पारंपरिक रास्तों से नहीं मिलती, बल्कि कभी-कभी असामान्य निर्णय और साहसिक कदम उठाने से मिलती है। उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों से यह सिखाया कि सपनों को साकार करने के लिए कठिनाइयों और चुनौतियों को अवसर के रूप में स्वीकार करना चाहिए।