भारत और ब्रुनेई के बीच राजनयिक संबंधों की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 03 सितंबर को ब्रुनेई की ऐतिहासिक यात्रा की। इस यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया से महत्वपूर्ण बातचीत की और ब्रुनेई दारुस्सलाम के सुल्तान द्वारा आयोजित एक भव्य भोज में भी भाग लिया।
ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया द्वारा आयोजित इस भव्य भोज में दुनिया के सबसे बड़े आवासीय महल में प्रधानमंत्री मोदी को विभिन्न प्रकार के व्यंजन परोसे गए। इस भोज का उद्देश्य न केवल दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और राजनयिक संबंधों को मजबूत करना था, बल्कि ‘फूड डिप्लोमेसी’ के माध्यम से भारत और ब्रुनेई के बीच मित्रता को भी बढ़ावा देना था।
भोज में भारतीय खाद्य संस्कृति की झलक देखने को मिली, जिसमें भारतीय फ्यूजन व्यंजन शामिल थे। पीएम मोदी को विशेष रूप से ‘मैंगो सैफरन पेड़ा’ और ‘मोतीचूर लड्डू’ जैसे पारंपरिक भारतीय मिठाइयों का आनंद लेने का अवसर मिला। इसके अलावा, घी पिस्ता, जलेबी, और अन्य भारतीय विशेषताओं से भरपूर व्यंजन भी परोसे गए, जिन्होंने भारतीय खाद्य संस्कृति की विविधता और समृद्धि को प्रदर्शित किया।
ब्रुनेई के महल में आयोजित इस भव्य भोज ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाने का कार्य किया। इस भोज ने न केवल भारत की समृद्ध खाद्य संस्कृति को प्रदर्शित किया, बल्कि ब्रुनेई में भारत की बढ़ती सांस्कृतिक और राजनयिक उपस्थिति को भी स्पष्ट किया। पीएम मोदी की इस यात्रा और भोज ने भारत और ब्रुनेई के बीच साझेदारी और दोस्ती को और मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।