वर्तमान में भारत (India)में सोने की कीमतें राज्यों और शहरों के बीच अलग-अलग होती हैं। केंद्र सरकार ने इस अंतर को कम करने के लिए एक समान रेट को लेकर कवायद शुरू की है। वर्तमान में, सोने पर 12.50% कस्टम ड्यूटी और 2.50% कृषि सेस लगता है, जो कीमतों में विभिन्नता ला सकते हैं। इसके अलावा, राज्यों के ज्वैलर्स और सर्राफों के अलग-अलग कमीशन के कारण भी सोने की कीमतों में फर्क देखा जा सकता है। इस अंतर को दूर करने के लिए, एक समान रेट की घोषणा की जा सकती है, जिससे एक ही देश में सोने की कीमतों में एकता आ सके।
ज्वैलर्स द्वारा बेचे जाने वाले आभूषणों में भी 18, 20 और 22 कैरेट के आभूषण भिन्न-भिन्न मूल्यों पर बिकते हैं, और ग्राहकों के साथ संबंधों के आधार पर लेबर रेट भी अलग-अलग होते हैं। इसलिए, ज्वैलर्स की कमाई में सोने की कीमत और लेबर रेट के अंतर का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
वन नेशन वन रेट के तहत सोने और चांदी की कीमतों में यथावत रखने की कवायद के बावजूद, व्यापारियों और ग्राहकों के बीच फिलहाल अंतर देखने को मिल रहा है। एक समान रेट के लागू होने से, यह संभावना है कि व्यापारियों का संघर्ष समय के साथ कम हो सके और उन्हें व्यवसाय में अधिक स्थिरता प्राप्त हो सके।