कोलकाता में हालात तनावपूर्ण हो गए हैं, जहाँ नबान्न मार्च के बाद भाजपा ने पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ 12 घंटे के ‘बंगाल बंद’ का आह्वान किया है। यह बंद आज राज्य की राजधानी में आयोजित एक विरोध रैली के बाद घोषित किया गया, जिसने हिंसा और अराजकता का रूप ले लिया।
नबान्न मार्च, जो कि भाजपा द्वारा आयोजित किया गया था, सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करने का एक प्रयास था। इस मार्च के दौरान कोलकाता की सड़कों पर स्थिति बेकाबू हो गई और प्रदर्शनकारियों ने कानून-व्यवस्था की स्थिति को चुनौती दी। हिंसा के कारण कई स्थानों पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया और पुलिस के साथ झड़पें हुईं।
भाजपा ने इस हिंसा और अराजकता के लिए ममता बनर्जी की सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और इसके विरोध में राज्यभर में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है। इस बंद के दौरान सभी दुकानें, बाजार और सार्वजनिक परिवहन बंद रहेंगे, जिससे आम लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
इस बंद की वजह से स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में भी असर देखने को मिल सकता है। भाजपा का आरोप है कि ममता सरकार ने विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए अत्यधिक बल प्रयोग किया और उनके विरोधी विचारों को कुचलने का प्रयास किया।
राज्य में तनाव की इस स्थिति के बीच, राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारियों ने शांति बनाए रखने के प्रयास किए हैं और नागरिकों से संयम बनाए रखने की अपील की है। अभी यह देखना बाकी है कि स्थिति और कितनी बिगड़ेगी और क्या इस बंद से समस्या का समाधान निकल पाएगा या स्थिति और अधिक खराब होगी।