यह विशेष अवसर जिला कलक्टर डाॅ. सौरभ पारधी की पहल के तहत हुआ, जिसमें कटारगाम अनाथालय के चार बच्चों को इन परिवारों के सुपुर्द किया गया। कटारगाम अनाथालय-वीआर पोपावाला चिल्ड्रन होम में रहने वाले इन बच्चों में से दो चचेरे भाई हैं, जिनकी उम्र 6 और 4 साल है। उन्हें वडोदरा के एक दंपति को सौंपा गया, जबकि एक 4 साल का बच्चा जामनगर के परिवार को और एक ढाई साल का बच्चा महाराष्ट्र के कल्याण में एक दत्तक ग्रहण दंपति को दिया गया। यह सभी बच्चे दत्तक ग्रहण नियम-2022 के अनुसार सौंपे गए हैं, जो उनके उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सूरत कलेक्टर कार्यालय में इस प्रक्रिया के दौरान उत्साह का माहौल था, मानो दिवाली से पहले ही दिवाली मनाई जा रही हो। दत्तक ग्रहण करने वाले सभी परिवारों के चेहरे पर खुशी और संतोष था, जैसे उन्होंने न केवल एक नए सदस्य को अपनाया हो, बल्कि एक नई शुरुआत भी की हो।
कलक्टर ने इन दंपत्तियों को बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह केवल एक गोद लेने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक नए रिश्ते की शुरुआत है। इस पूरी प्रक्रिया में सामाजिक सुरक्षा अधिकारी श्री जिग्नेश चौधरी, बाल संरक्षण अधिकारी श्री विजय परमार और उनकी टीम का योगदान महत्वपूर्ण रहा, जिन्होंने सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कीं।
इस तरह, दिवाली का यह पर्व केवल दीयों और पटाखों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि चार अनाथ बच्चों के जीवन में एक नया अध्याय शुरू करने का भी अवसर बन गया। इन परिवारों में अब बच्चों के साथ मिलकर उत्सव मनाने का एक अलग ही आनंद होगा, जो उनकी जिंदगी को और भी खास बना देगा।