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From failure to success: Lessons from flowing water
लाइफस्टाइल

असफलता से सफलता की ओर: बहते पानी की सीख

एक लड़का परीक्षा में फेल हो गया। उसके दोस्तों ने उसका खूब मजाक उड़ाया, जिससे वह अत्यंत दुखी हो गया और घर लौट आया। वह निरंतर सोचते-सोचते तनाव में डूब गया।
माँ-बाप ने उसे समझाया, “बेटा, फेल होना इतनी बड़ी बात नहीं है कि तुम इतनी चिंता में डूब जाओ और अपने भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगा बैठो। जब तक इंसान खुद अच्छे-बुरे और सफलता-असफलता के दौर से नहीं गुजरता, वह जीवन को अच्छे से नहीं समझ सकता और बड़े काम भी नहीं कर सकता।”
लेकिन, लड़के को उनकी बातें न तो समझ में आईं और न ही वह संतुष्ट हुआ। अशांति और निराशा में डूबा वह लड़का एक रात खुद को नुकसान पहुंचाने के इरादे से निकल पड़ा। रास्ते में उसे एक बौद्ध मठ दिखाई दिया।
मठ में से कुछ आवाजें सुनाई दीं। लड़का उत्सुकता से मठ के अंदर गया और वहां एक भिक्षुक को कहते सुना, “पानी मैला क्यों नहीं होता? क्योंकि वह बहता है! बाधाएं उसे क्यों नहीं रोक पातीं? क्योंकि वह बहता रहता है। एक बूंद पानी झरने से नदी, नदी से महानदी और फिर समुद्र कैसे बन जाता है? क्योंकि वह बहता है।”
भिक्षुक के शब्दों ने लड़के के मन में नई हिम्मत जगा दी। उसने ठान लिया कि उसे भी बहते जल की तरह बनना है। इसी सोच के साथ वह घर की ओर लौट आया। अगले दिन वह पूरी तरह बदल गया और उसमें नई ऊर्जा आ गई। उस दिन के बाद कोई भी मजाक या बाधा उसे आगे बढ़ने से नहीं रोक पाई। बाद में वह वियतनाम के राष्ट्रनायक हो ची मिन्ह के नाम से जाना गया।
सीख: असफलता भी सफलता की सीढ़ी है। हिम्मत न हारें, हमेशा आगे बढ़ते रहें।

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