सूरत, 13 दिसंबर: सूरत रेलवे स्टेशन को एक मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो भविष्य में यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करेगा। इस परियोजना के तहत रेलवे, राज्य सरकार और सूरत नगर निगम मिलकर सूरत स्टेशन को एक प्रमुख परिवहन केंद्र के रूप में पुनर्विकसित कर रहे हैं। एमएमटीएच परियोजना का लक्ष्य बस, मेट्रो और बीआरटीएस जैसी सभी प्रमुख परिवहन सेवाओं को एक छत के नीचे एकीकृत करना है।
मुख्य विशेषताएँ: पश्चिम रेलवे के प्रमुख पी.आर.ओ. श्री विनीत अभिषेक के अनुसार, एमएमटीएच परियोजना के तहत स्टेशन के पूर्व और पश्चिम हिस्सों में नए निर्माण कार्य जारी हैं। प्लेटफॉर्म नंबर 4 का काम पूरा हो चुका है, जबकि प्लेटफॉर्म नंबर 2 और 3 पर काम अगले कुछ दिनों में शुरू होगा और 98 दिनों के भीतर पूरा किया जाएगा।
इस परियोजना में यात्रियों के लिए बीआरटीएस/सिटी बस टर्मिनल, पार्किंग जोन, मनोरंजन क्षेत्र, वाणिज्यिक भवन, एलिवेटेड कॉरिडोर, स्काईवॉक जैसी सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा, एक नया पूर्व-पश्चिम सड़क मार्ग भी प्रस्तावित है, जो सूरत के पूर्वी हिस्से में बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
रेलवे, राज्य सरकार और नगर निगम का सहयोग: एमएमटीएच परियोजना में रेलवे मंत्रालय 63%, राज्य सरकार 24% और सूरत नगर निगम 3% का योगदान दे रहे हैं। इस परियोजना से न केवल कनेक्टिविटी में सुधार होगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे और सूरत शहर में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
सुविधाजनक यात्री कनेक्टिविटी: परियोजना के तहत यात्री एक स्थान से विभिन्न परिवहन सुविधाओं का उपयोग कर सकेंगे। सभी बसों, मेट्रो और अन्य परिवहन साधनों को एक ही स्थान से जोड़ा जाएगा, जिससे यात्रियों को सुविधा होगी। इसके लिए 6 मीटर चौड़ाई के 3 स्काईवॉक का निर्माण किया जा रहा है।
2026 तक पूरा होने का लक्ष्य: यह परियोजना 2026 के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है। सूरत रेलवे स्टेशन का यह उन्नत रूप न केवल यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाएगा, बल्कि सूरत के परिवहन नेटवर्क को एक महत्वपूर्ण केंद्र में बदल देगा।
निष्कर्ष: एमएमटीएच परियोजना सूरत शहर के लिए एक बड़ा कदम साबित होने जा रही है। इसका उद्देश्य न केवल परिवहन सुविधाओं को बेहतर बनाना है, बल्कि सूरत की आर्थिक और शहरी विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है।