साड़ी जलाने की घटना पर गुस्सा
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार की घटनाओं के बाद सूरत के व्यापारियों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। बांग्लादेशी नेताओं ने सार्वजनिक सभाओं में भारतीय साड़ियों को जलाया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर यह घटना तेजी से वायरल हो गई। इस घटना से सूरत के कपड़ा उद्योग में आक्रोश फैल गया है, और व्यापारियों ने बांग्लादेश से कपड़ों के आयात पर रोक लगाने की मांग की है।
बांग्लादेश से व्यापार पर असर
बांग्लादेश का कपड़ा उद्योग अब दुनिया में एक प्रमुख नाम बन चुका है, लेकिन राजनीतिक उथल-पुथल के कारण सूरत के कपड़ा उद्योग पर इसका नकारात्मक असर पड़ा है। सूरत में कपड़ा व्यापारी अब बांग्लादेशी कपड़ों के आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि बांग्लादेशी नेता न केवल हिंदू समुदाय पर अत्याचार कर रहे हैं, बल्कि हमारे उद्योग को भी निशाना बना रहे हैं।
बांग्लादेश में फंसा 500 करोड़ रुपये का कारोबार
सूरत के कपड़ा व्यापारियों ने बताया कि बांग्लादेश में मौजूदा राजनीतिक संकट के कारण वहां भेजे गए कपड़ों का भुगतान नहीं हो पा रहा है। व्यापारी अनुमान लगा रहे हैं कि बांग्लादेश में उनका 500 करोड़ रुपये से अधिक का पैसा फंसा हुआ है। उन्होंने भारत सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है ताकि उनका पैसा जल्द वापस मिल सके।
सरकार से त्वरित कदम की अपील
सूरत के व्यापारियों का मानना है कि अगर भारत सरकार बांग्लादेश से रेडीमेड कपड़ों के आयात पर प्रतिबंध लगा देती है, तो भारतीय कपड़ा उद्योग को बढ़ावा मिल सकता है। बांग्लादेश के राजनीतिक संकट के कारण वहां की फैक्ट्रियां प्रभावित हो रही हैं, जिससे भारत को अवसर मिल सकता है। व्यापारियों का कहना है कि यह समय है जब भारत सरकार बांग्लादेश से आने वाले कपड़ों पर रोक लगा सकती है, जिससे भारतीय उद्योग को फायदा होगा।
निष्कर्ष
बांग्लादेश में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल और हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के कारण सूरत के व्यापारियों में गुस्सा है। उन्होंने भारत सरकार से बांग्लादेश से रेडीमेड कपड़ों के आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है और वहां फंसे 500 करोड़ रुपये की वापसी की भी अपील की है।